सूचना मिलते ही डूंगरपुर बर्डस् संस्थान से जुड़े पूर्व मानद वन्यजीव प्रतिपालक वीरेंद्रसिंह बेड़सा, राजेश परमार आदि मौके पर पहुंचे। आंतरी क्षेत्रीय वन अधिकारी दिलीपसिंह चौहान, वनपाल इकबाल मोहम्मद, वनरक्षक चंद्रवीरसिंह, हर्षवद्र्धनसिंह, लालुराम आदि ने भी घटनास्थल का मुआयना किया। तालाब के आसपास गहनता से पड़ताल करने पर चार सारस क्रेन, तीन कोम डक, ग्रे लेग गूज और दो कबूतर मृत मिले।
पूर्व मानद वन्यजीव प्रतिपादक वीरेंद्रसिंह बेडसा ने बताया कि एक टिटहरी भी निढाल हालत में मिली। उसके मुंह से झाग आ रहे थे। आसपास दाना भी बिखरा हुआ है, इससे स्पष्ट है कि शिकार के लिए जहरीला चुगा डाला गया। शिकार जितना संभव हो सका उतने मृत पक्षी ले गया, शेष यही पड़े रह गए हैं। उधर, वन विभाग की टीम ने सभी मृत पक्षियों को जिला पशु चिकित्सालय पहुंचाया। वहां बोर्ड गठित कर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। साथ ही मौके पर मिले चुगे के नमूने भी लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है।
गौरतलब है कि डूंगरपुर जिले में सर्दी के मौसम में बड़ी तादाद में प्रवासी पक्षी आते हैं। जिले की इस जैव विविधता के प्रति आमजन को जागरूक कर पक्षियों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए जिला प्रशासन और वन विभाग की ओर से हर साल बर्डफेयर मनाया जाता है। इस वर्ष भी आगामी 5 फरवरी को रणसागर तालाब के किनारे ही बर्डफेयर प्रस्तावित है।