गत 16 अक्टूबर 2018 को संचिया देवली घाटी सडक़ पर प्रकाशचंद्र (25) पुत्र कानजी वरहात की लाश मिली थी। उसके सिर पर गंभीर चोट आई हुई थी। परिजनों ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि प्रकाश गांव के विद्यालय मैदान पर गरबा खेलने गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। पुलिस ने मौका मुआयना करने के बाद हत्या का प्रकरण दर्ज किया था।
जिला पुलिस अधीक्षक शंकरदत्त शर्मा ने बताया कि ब्लांइड मर्डर के इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा, उपाधीक्षक अनिल मीणा, प्रशिक्षु आरपीएस चक्रवर्तीसिंह के निर्देशन में थानाधिकारी इंद्रजीत परमार के नेतृत्व में टीम गठित की। टीम ने हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए गांव में मृतक के रिश्तेदारों, करीबी दोस्तों आदि की जानकारी जुटाकर पड़ताल शुरू की। घटना की रात्रि की पूरी जानकारी लेकर संदेह के आधार पर गांव के ही दीपक पुत्र बाबूलाल मीणा को डिटेन कर गहन पूछताछ करने पर वह टूट गया और प्रकाश की हत्या करना कबूल कर लिया।
पुलिस ने बताया कि प्रकाश के एक युवती से प्रेम संबंध थे। घटना की रात को वह दीपक के साथ उससे मिलने गया था। जिस जगह पर लाश मिली, उससे करीब 50 मीटर दूरी पर ही वे युवती का इंतजार कर रहे थे। युवती के नहीं आने पर दीपक वहां से जाने लगा। इस पर प्रकाश ने उसे रोकने की कोशिश की। इस बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया। दीपक ने गुस्से में आकर लट्ठ से वार कर दिया। इससे प्रकाश की मौत हो गई। बाद में दीपक ने लाश को सडक़ किनारे डाल दिया तथा सबूत मिटाने के लिए उसका मोबाइल भी जला दिया।