पुलिस सूत्रों के अनुसार सतीरामपुर निवासी रेखा ने सुबह करीब 10 बजे गुमानपुरा के समीप सडक़ किनारे किसी नवजात बच्चे के रोने की आवाज सुनकर झांडियों में झांका। देखते ही उसके होश उड़ गए। उसने चिल्लाकर आसपास मौजूद महिलाओं को बुलवाया। महिलाओं ने बच्ची को झाडियों से निकाला। उसके हाथ-पैर, पेट, चेहरे आदि पर कांटों से खरोंचे आ गई थी। तेज ठंड के बावजूद बच्ची के शरीर पर कपड़े नहीं थे।
सूचना पर देवल चौकी प्रभारी गिरीराजसिंह मौके पर पहुंचे। चाइल्ड लाइन की टीम भी आई। एम्बुलेंस से बच्ची को जिला अस्पताल लाकर उपचार शुरू किया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भरत भट्ट भी मय टीम के अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बच्ची को उपचार के बाद राजकीय शिशु गृह में रखने के निर्देश दिए।
सुबह ही हुआ जन्म
अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ डा. कल्पेश जैन ने बच्ची की जांच कर उसे भर्ती किया। डा. जैन ने बताया कि बच्ची का वजन मात्र एक किलो 700 ग्राम है। उसका जन्म कुछ घंटे पहले ही हुआ है। बच्ची घायल है तथा बिना कपड़े के खुले में छोड़ देने से संक्रमण का भी खतरा बना हुआ है। फिलहाल उपचार जारी है, लेकिन उसकी हालत चिन्ताजनक है।
अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ डा. कल्पेश जैन ने बच्ची की जांच कर उसे भर्ती किया। डा. जैन ने बताया कि बच्ची का वजन मात्र एक किलो 700 ग्राम है। उसका जन्म कुछ घंटे पहले ही हुआ है। बच्ची घायल है तथा बिना कपड़े के खुले में छोड़ देने से संक्रमण का भी खतरा बना हुआ है। फिलहाल उपचार जारी है, लेकिन उसकी हालत चिन्ताजनक है।
प्रकरण दर्ज सदर पुलिस ने चौकी प्रभारी गिरीराजसिंह की रिपोर्ट पर अज्ञात महिला के खिलाफ नवजात को असुरक्षित छोडऩे का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।