जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि अस्पताल से शिशु गायब होने की सूचना के साथ ही पुलिस सक्रिय हो गई। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर महिला के मुवमेंट को फॉलो किया। जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर बरौठी गांव तक वह कैमरे में ट्रेस हुए, लेकिन इसके बाद कोई सुराग नहीं मिल रहा था। इस बीच स्थानीय सूत्रों से स्कूटी सवार महिला और युवक के एक गली की तरह जाने की सूचना मिली। इस आधार पर पुलिस तफ्तीश करती हुई तलैया गांव पहुंची। वहां दिनेश गमेती के घर पर शिशु सुरक्षित हालत में मिला। साथ ही बच्चे को अस्पताल से उठाकर लाई दिनेश की पत्नी नीरू और नीरू की मां भटवाड़ा गड़ामोरैया निवासी रमिला पत्नी रमेश बरण्डा को भी मौके से गिरफ्तार किया।
एसपी ने बताया कि नीरू की शादी 2013 में हुई है, लेकिन उसके अब तक कोई संतान नहीं है। इसलिए उसने अस्पताल से शिशु को उठाया। इससे पूर्व 25 फरवरी और 27 फरवरी को भी वह अस्पताल लाई थी, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली थी। रविवार को वह एसएनसीयु वार्ड के बाहर खड़ी थी, उसी दौरान अंदर से स्टाफ ने ज्योति पत्नी राकेश मोची के बच्चे के रोने पर परिजनों को आवाज लगाई। मौके का फायदा उठाकर नीरू ज्योति की रिश्तेदार बनकर अंदर चली गई और बच्चे को उठाकर रवाना हो गई।
पुलिस ने बताया कि नीरू वारदात को अंजाम देने अपने भाई गड़ामोरैया निवासी योगेश के साथ अस्पताल आई थी। योगेश स्कूटी लेकर नीचे खड़ा रहा तथा बाद में शिशु को लेकर दोनों स्कूटी से ही फरार हुए थे।
जैसे ही बच्चे को लेकर पुलिस दल अस्पताल पहुंचा, वहां खुशी की लहर दौड़ गई। मां ज्योति को बच्चे के पास लाया गया। शिशु को देखते ही ज्योति अपनी मां व सास आदि से लिपट कर फफक पड़ी।