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मां के नौ रुप देते हैं नौ संदेश

locationडूंगरपुरPublished: Oct 09, 2018 08:19:18 pm

Submitted by:

milan Kumar sharma

शारदीय नवरात्रि विशेष

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मां की पूजा में भूलकर भी ना करें ये काम,बदल जाएगी आपकी किस्मत

डूंगरपुर. देवी उपासना एवं शक्ति संचय का महापर्व शारदीय नवरात्रि का श्रीगणेश बुधवार से होगा। इसके साथ ही नित-प्रतिदिन भक्त विविध धार्मिक अनुष्ठान कर देवी के नौ रुपों की आराधना करेंगे। लेकिन, वर्तमान परिप्रेŸय में नवरात्रि के नौ दिनों में केवल देवी के स्तुति गान तक ही यह पर्व सिमटता नहीं है। देवी के यह नौ रुप हर दिन एक अलग संदेश लेकर आती है। यदि दान-पुण्य के साथ-साथ देवी के इन सभी रुपों के अनुसार एक-एक अच्छाई को ग्रहण कर एक-एक बुराई को प्रतिदिन तजते जाएंगे, तो सच्चे अर्थों इस पर्व नवरात्रि महापर्व बनकर जीवन में खुशियां लाएगी।

1. देवीय रुप है बेटी
शारत्रीय नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का आह्वान किया जाता है। इसी देवीय की आराधना करते हुए हमे यह संकल्प लेना होगा कि हर बेटी देवीय स्वरूप है और उसको हर समय हर जगह सुरक्षित माहौल देना है। समाज में बेटी से पहले बेटे की संकीर्ण मानसिकता को दूर करने का दृढ़ संकल्प लेना होगा।

2. प्रकृति का संरक्षण
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का गान करेंगे। इस दिन यह संकल्प लेना होगा कि हम केवल अपनी सुख-सुविधाओं के लिए मां स्वरूपा प्रकृति से खिलवाड़ नहीं करेंगे। पेड़-पौधे, जलस्त्रोतों, खनिज आदि का अंधाधुंध दोहन नहीं करते हुए प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन में सहभागी बनेंगे।

3. स्वच्छता को अपनाएंगे
तीसरे दिन चन्द्रघंटा का आह्वान करते हुए यह संकल्प लेना होगा कि हम अपने जीवन में स्वच्छता को अपनाएंगे। घर-आंगन ही नहीं अपने शहर एवं जिले में स्वच्छता को अपनाने के लिए भरसक प्रयास करेंगे। स्वच्छता होगी, वहां मां की उपस्थिति अवश्य होगी।

4. मां का बढ़ाएंगे मान
नवरात्रि के चतुर्थ दिन मां कूष्मांडा की आराधना होगी। आठ भुजाएं स्वरूपा यह देवी यह संदेश देती है कि हम घर के बड़े-बुजुर्गों को देव-तुल्य समझेंगे। जन्मदात्री मां का मान रखेंगे। घर की मां प्रसन्न होने पर ही देवी का यह स्वरूप प्रसन्न होगा।

5. नशा नाश का द्वार
पांचवे दिन हम सभी मां स्कंद माता की आराधना करेंगे। इस दिन यह मां के स्तुतिगान के साथ हमे नशे की लत को त्यागने का संकल्प लेना होगा। नशा नाश का द्वार होता है। यह हम सहज रुप से बोल तो जाते हैं। पर, जीवन में अपनाते नहीं है। कोई भी मां अपने पुत्र को नशे में डूबा हुआ पसंद नहीं करती है।

6. कात्यानी से कर्म
छठे दिन मां कात्यायनी की आराधना करेंगे। इस दिन मां के स्वरूप की आराधना करने के साथ ही हमे कर्म के गुण का संकल्प लेना होगा। केवल किस्मत के सहारे बैठने से अच्छा है कि हम कर्म कर अपने जीवन जीने की सार्थकर्ता साबित करेंगे। बिना कर्म किए, किस्मत भी साथ नहीं देती है।

7. क्रोध का करेंगे क्षमन
मां दुर्गा का सांतवा रुप मां कालरात्रि है। यह हमे बताती है कि क्रोध से घिरा मनुष्य कतई अच्छा नहीं लगता है। उसका स्वरूप विकराल और भवायह रुप ले लेता है। क्रोध से गृह-क्लेश होता है। घरों की सुख-शांति दूर हो जाती है। जीवन में सुख-शांति के लिए समता का भाव अपनाना होगा।

8. भ्रष्टाचार से रहेंगे दूर
आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा होगी। महागौरी के इस मनमोहक रुप के दिन संकल्प लेना होगा कि हम जिस किसी क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। वहां पूर्ण ईमानदारी के साथ कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। जीवन में भ्रष्टाचार के अगुण को कभी पनपने नहीं देंगे। कार्य की एवज में कमीशन और अतिरिक्त राशि लेने की प्रथा को दूर करेंगे।

9. शिक्षा का जलें दीप
नौवा स्वरूप मां सिद्धिदात्री का है। जीवन में सिद्धियां तभी आएंगी। जब हम शिक्षा का दीप जलाएंगे। वर्तमान की जरूरत के हिसाब से शिक्षार्जन करेंगे। शिक्षा के बिना तमाम प्रकार की विकृतियां जीवन में घिर जाती हैं। इस दिन यह संकल्प लें कि हम स्वयं के साथ सभी के जीवन में शिक्षा का पुष्प महकाएंगे।

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