तहसीलदार देख रहे नगरपालिका का काम
रिक्त पदों के चलते अधिकारियों को दोहरी-तिहरी भूमिका निभानी पड़ रही है। सागवाड़ा तहसीलदार नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी का जिम्मा भी संभाल रहे हैं। निर्वाचन भी खाली
जिला निवार्चन अधिकारी कार्यालय में तहसीलदार निर्वाचन का पद भी लंबे समय से रिक्त है। नायब तहसीलदार इसका काम देख रहे हैं। उनका भी हाल ही चित्तौडगढ़़ तबादला हो चुका है, लेकिन उपचुनाव को देखते हुए उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा है।
रिक्त पदों के चलते अधिकारियों को दोहरी-तिहरी भूमिका निभानी पड़ रही है। सागवाड़ा तहसीलदार नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी का जिम्मा भी संभाल रहे हैं। निर्वाचन भी खाली
जिला निवार्चन अधिकारी कार्यालय में तहसीलदार निर्वाचन का पद भी लंबे समय से रिक्त है। नायब तहसीलदार इसका काम देख रहे हैं। उनका भी हाल ही चित्तौडगढ़़ तबादला हो चुका है, लेकिन उपचुनाव को देखते हुए उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा है।
झोंथरी तो भगवान भरोसे
झोंथरी तहसील का प्रशासनिक कामकाज तो भगवान भरोसे ही चल रहा है। यहां तहसीलदार और नायब तहसीलदार दोनों ही पद रिक्त हैं। सिर्फ दो विकास सेवा अधिकारी
जिले में 10 पंचायत समितियां हैं। इनमें से मात्र डूंगरपुर और गलियाकोट में ही राजस्थान विकास सेवा के अधिकारी बतौर विकास अधिकारी पदस्थ हैं। शेष में अन्य सेवाओं के अधिकारी कार्यरत हैं। सीमलवाड़ा में पद रिक्त है और सहायक अभियंता को ही चार्ज दे रखा है। झोंथरी में तो पंचायत प्रसार अधिकारी ही विकास अधिकारी का काम देख रहे हैं।
झोंथरी तहसील का प्रशासनिक कामकाज तो भगवान भरोसे ही चल रहा है। यहां तहसीलदार और नायब तहसीलदार दोनों ही पद रिक्त हैं। सिर्फ दो विकास सेवा अधिकारी
जिले में 10 पंचायत समितियां हैं। इनमें से मात्र डूंगरपुर और गलियाकोट में ही राजस्थान विकास सेवा के अधिकारी बतौर विकास अधिकारी पदस्थ हैं। शेष में अन्य सेवाओं के अधिकारी कार्यरत हैं। सीमलवाड़ा में पद रिक्त है और सहायक अभियंता को ही चार्ज दे रखा है। झोंथरी में तो पंचायत प्रसार अधिकारी ही विकास अधिकारी का काम देख रहे हैं।
कार्मिक भी नहीं
अधिकारियों के साथ-साथ कार्मिकों के पद भी रिक्त हैं। जिले में पटवारियों के आधे से ज्यादा पद रिक्त हैं। ग्राम सचिव भी काफी कम हैं। इसके अलावा अन्य विभागों में भी कर्मचारियों की संख्या नगण्य है। स्वयं कलक्ट्रेट परिसर में भी कार्मिक नहीं हैं। ऐसे में सभी तरह के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं।
अधिकारियों के साथ-साथ कार्मिकों के पद भी रिक्त हैं। जिले में पटवारियों के आधे से ज्यादा पद रिक्त हैं। ग्राम सचिव भी काफी कम हैं। इसके अलावा अन्य विभागों में भी कर्मचारियों की संख्या नगण्य है। स्वयं कलक्ट्रेट परिसर में भी कार्मिक नहीं हैं। ऐसे में सभी तरह के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं।
सब मोर्चे एक साथ शुरू
चुनावी साल लगते ही सरकार एक्टिव मोड पर आ गई है। रोज नई योजना और अभियान पर काम शुरू हो रहा है। पुराने बकाया काम पूरे करने के लिए रोज की सचिवालय स्तर से समीक्षाएं हो रही हैं। अपेक्षानुसार प्रगति नहीं होने पर अफसर डांट फटकार और नोटिस भी झेल रहे हैं। मनरेगा, स्वच्छ भारत, प्रधानमंत्री आवास, राजस्व प्रकरण, ढांचागत विकास, जल स्वावलंबन, प्रत्यक्ष लाभ की योजनाओं सहित दर्जनों कामों का रोज का रोज फीडबेक लिया जा रहा है।
चुनावी साल लगते ही सरकार एक्टिव मोड पर आ गई है। रोज नई योजना और अभियान पर काम शुरू हो रहा है। पुराने बकाया काम पूरे करने के लिए रोज की सचिवालय स्तर से समीक्षाएं हो रही हैं। अपेक्षानुसार प्रगति नहीं होने पर अफसर डांट फटकार और नोटिस भी झेल रहे हैं। मनरेगा, स्वच्छ भारत, प्रधानमंत्री आवास, राजस्व प्रकरण, ढांचागत विकास, जल स्वावलंबन, प्रत्यक्ष लाभ की योजनाओं सहित दर्जनों कामों का रोज का रोज फीडबेक लिया जा रहा है।