जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि बोरी स्थित गुरुकुल परिसर में सुबह पहली पारी में परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों को केंद्र में प्रवेश देने के लिए दस्तावेजों जांच की जा रही थी। इस दौरान पुलिस को एक अभ्यर्थी के बोलने के लहजे से आशंका हुई। उसके पास बांसवाड़ा निवासी भरतसिंह के नाम का आधार कार्ड और प्रवेश पत्र था। जिस पर संबंधित युवक का ही फोटो लगा हुआ था।
पुलिस ने पूरी परीक्षा देने तक उस पर निगरानी रखी। जैसे ही परीक्षा खत्म हुई कक्षा कक्ष से निकलते ही उसे धर लिया। थाने पर लाकर की गई पूछताछ में युवक ने फर्जी अभ्यर्थी बन कर परीक्षा देना कबूल कर लिया। आरोपी ने अपना नाम रोयटा पाली निवासी अशोक (20) पुत्र केसाराम विश्नोई बताया। पुलिस ने आरोपी के पास मिले फर्जी आधारकार्ड व प्रवेश पत्र आदि जब्त कर लिए हैं।
बांसवाड़ा के अभ्यर्थी की एवज में दी परीक्षा
कोतवाली थानाधिकारी दिलीपदान ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी पाली से कल रात बासंवाड़ा पहुंचा था। यहां उसने कसारवाड़ी बासंवाड़ा निवासी भरतसिंह पुत्र प्रभुसिंह मुनिया से उसके बदले में परीक्षा में बैठने को लेकर सौदा किया। डेढ़ लाख रुपए एडवांस भी लिए। इसके बाद डूंगरपुर पहुंच कर परीक्षा दी।
दूसरी पारी में भी थी तैयारी
पुलिस ने बताया कि आरोपी दूसरी पारी में दोपहर में होने वाली परीक्षा में भी उसी केंद्र पर एक अन्य अभ्यर्थी की एवज में बैठने की फिराक में था, लेकिन इससे पहले ही उसे धर लिया।