- करीब नौ लाख रुपए के राजस्व को क्षति- रोडवेजकर्मियों ने की सरकार विरोधी नारेबाजी- यात्रियों ने किया निजी वाहनों से सफरडूंगरपुर.राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे के आह्वान पर आहुत रोडवेजकार्मिकों की हड़ताल का व्यापक असर सोमवार को जिले में भी देखने को मिला। हड़ताल से दिनभर रोडवेज बसों के चक्के थमे रहे। वहीं, दिनभर आमजन अपने गंतव्य तक जान के लिए खासे परेशान हुए। यात्री निजी वाहनों तथा ट्रावेल्स से अपने गंतव्य तक पहुंचे।हड़ताल के तहत मध्य रात्रि के बाद से ही चालक-परिचालकों ने बसों का संचालन ठप कर दिया। कुछ चालक-परिचालक सुबह बसों के संचालन के लिए पहुंचे भी तो सहकर्मियों ने उन्हें धरने पर बैठा दिया। ऐसे में एक भी बस का उठाव बस स्टैंड से नहीं हुआ। हड़ताल से अनभिज्ञ लोग रोज की तरह बस स्टैंड पहुंचे। लेकिन, उन्हें यहां एक भी बस नहीं मिली। इस पर वह काफी देर तो बस के आने का इंतजार करते दिखे। लेकिन, बाद में हड़ताल की जानकारी मिलने पर यात्री बस स्टैंड से बाहर निकले तथा निजी बसों के जुगाड़ में जुट गए। हालांकि, काफी मशक्कत के बाद दो से तीन-तीन घंटे के दरम्यान यात्रियों को अपने गंतव्य के लिए टूकड़ों-टूकड़ों में निजी वाहन उपलब्ध हो पाए।जमकर की नारेबाजीन्यूज इंफो. 90 शिड्यूल संचालित होते हैं जिले में. ०९ लाख रुपए प्रतिदिन होती है रोडवेज से राजस्व प्राप्ति. 76 बसे ऑनरुट एवं 23 बसे ऑफरुट पड़ी है. 190 से अधिक कार्मिक रहे हड़ताल पर. एटक, सीटू, इंटक, बीजेएमएम एवं कल्याण समिति का समर्थनयह हैं प्रमुख मांगे. रोडवेज को अनुदान राशि का माहवार भुगतान. नाकारा बसों को बदलने के लिए अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराया जाए।. सातवे वेतनमान का लाभ देते हुए उसी के अनुरूप वेतनमान, पेंशन एवं भत्ते दिए जाए।[typography_font:18pt;” >. रोडवेज के समस्त रिक्त पदों को भरा जाए।