डूंगरपुर

किसानों की बरसों की आस होगी पूरी…

लोडेश्वर व टामटिया बांध की मुख्य नहर का होगा सुदृढ़ीकरण

डूंगरपुरNov 24, 2022 / 11:40 am

Mukesh Hingar

अमरीश त्यागी
सागवाड़ा (डूंगरपुर). सागवाड़ा तहसील क्षेत्र के सबसे बड़े लोडेश्वर बांध तथा टामटिया बांध की सुध लेते हुए 852.31 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। जिसमें लोडेश्वर बांध की दाई मुख्य नहर, बांयी मुख्य नहर के अलावा इनकी वितरिकाओं एवं माईनर के सुदृढ़ीकरण तथा टामटिया बांध की वितरिकाओं का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
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लोडेश्वर बांध एवं टामटिया बांध की दाई मुख्य नहर, बांयी मुख्य नहर एवं इनकी वितरिकाओं व माईनर के सुदृढ़ीकरण कार्य के लिए प्रशासनिक एवं वित्तिय स्वीकृति 852.31लाख एवं कार्य की तकनीकि स्वीकृति जल संसाधान विभाग संभाग उदयपुर के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता ने ७५८.५५ लाख की जारी की है। सहायक अभियन्ता पाटीदार ने बताया कि टेण्डर खुलने के बाद कार्य प्रारंभ करवा दिया जाएगा। सिंचाई के लिए खेतों तक पानी पहुंचाने के उद्देश्य से देश की पहली पंचवर्षीय योजना में वर्ष १९५६ में स्वीकृत लोडेश्वर बांध को वर्ष १९५८ में निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया। जैसे-जैसे बांध पूराना होता गया विभाग की ओर से मुंह फेर लिया गया। आज इस बांध की नहर तथा बांध जीर्णोद्धार की राह देख रहा था। लोडेश्वर बांध का निर्माण मोरन नदी पर किया गया था। दाई एवं बाई मुख्य नहर से क्षेत्र के 14 गांवों में सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराया जाता है। लोडेश्वर बांध से विराट, ओबरी अम्बाड़ा, पिपलागूंज, सूरजगांव, दिवड़ा छोटा, डैयाणा, खडग़दा, सेमलिया घाटा, जोगपुर, चीतरी, खडग़दा, खुंटवाड़ा तथा लोडेश्वर के कुल 1619 हेक्टर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। बांध से १६१९ हेक्टर भूमि सिंचित हो रही है। बांध का केचमेंट क्षेत्र ५०७.४२ स्क्वायर किमी है।

दायी व बांयी मुख्य नहर में हो रहा सिपेज

लोडेश्वर बांध के लम्बे समय से नहर के रखरखाव तथा मरम्मत के लिए विभागीय बजट उपलब्ध नहीं होने के कारण बांध की दायी एवं बांयी मुख्य नहर की वर्तमान स्थिति जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है तथा कई जगहों पर सीपेज की समस्या होने का खमियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है। नहरों में सिपेज होने से बांध के पानी का पूर्ण सदुपयोग नहीं हो पा रहा। नहरों से बड़ी मात्रा में पानी अपव्यय हो रहा है।
पेयजल के लिए बढ़ाई ७० सेमी ऊंचाई

सागवाड़ा शहरी क्षेत्र तथा आसपास के गांवों में पीने का पानी मुहैया कराने की शुरुआत वर्ष २०१४ में की गई थी। बांध में उपलब्ध पानी में से पेयजल तथा सिंचाई के लिए उपलब्ध कराना मुश्किल था। इसे देखते हुए बांध की ऊंचाई ७० सेमी बढ़ाई गई थी जिससे बांध की भराव क्षमता ५२२ एमसीएफटी हो गई। शहर तथा १८ गांवों में पेयजल मुहैया कराने के लिए वर्ष भर के लिए १०० एमसीएफटी पानी रिजर्व में रखा जाता है।
मिट्टी की पाल से बबूल हटाना जरुरी

लोडेश्वर बांध की देखरेख के अभाव में मिट्टी से बनी पाल पर बड़ी संख्या में बबूल हर वर्ष उग आती है। वर्ष 2006 में आई भारी बारिश के चलते पक्की पाल टूट चुकी है। समय रहते मिट्टी से बनी कच्ची पाल की देखरेख नहीं की गई तो पाल क्षतिग्रस्त हो सकती है। जिला परिषद सदस्य रेखा रोत ने बताया कि मिट्टी की पाल से बबूल हटाया जाना आवश्यक है।
टामटिया लघु सिंचाई परियोजना

टामटिया लघु सिंचाई परियोजना भाई नदी के उस पार अवस्थित है जो माही की मोरन नदी से मिलती है। बांध स्थल 30 किमी है। बांध का सकल जलग्रहण क्षेत्र 80.45 वर्ग किमी है। जिसमें से 61.95 वर्ग किमी लक्ष्मण सागर और अन्य गांव के टैंकों से क्षेत्र को रोक दिया गया है। बांध का निर्माण मिट्टी के बांध के रूप में किया गया था जिसमें व्यापक के्रस्टेड स्पिलवे था। बांध की सकल क्षमता 42.50 एमसीएफटी है। नहर की कुल लंबाई 8.55 किमी है और सिर पर 0.756 क्यूमेक्स डिस्चार्ज है। सकल कमान क्षेत्र और कृषि योग्य कमान क्षेत्र 815 हेक्टेयर और 670 हेक्टेयर है।
किसानों को समस्याओं से मिलेगी निजात
टेण्डर प्रकिया पूर्ण करा लोडेश्वर बांध का कार्य प्रारंभ कराया जाएगा। लोडेश्वर बांध तथा टामटिया बांध का कार्य पूर्ण होने पर किसानों की लम्बे समय आ रही समस्याओं से निजात मिलेगी।
-मोहित पाटीदार, सहायक अभियन्ता, जल संसाधन विभाग, उपखण्ड सागवाड़ा
लोडेश्वर बांध की फैक्ट फाइल

बांध की स्वीकृति – पहली पंचवर्षीय योजना में वर्ष १९५६ में

बांध का निर्माण कार्य पूर्ण- वर्ष १९५८
पानी की भराव क्षमता-४२२ एमसीएफटी

दाई मुख्य नहर की लम्बाई-१२.२७ किमी
बाई मुख्य नहर की लम्बाई-६.९० किमी
लोडेश्वर बांध से सिंचाई – १६१९ हेक्टर
पाल की ऊंचाई बढ़ाई-वर्ष २०१४ में

कृषि के लिए लाभान्वित गांवों की संख्या-१४
ऊंचाई बढ़ाने के बाद भराव क्षमता-५२२ एमसीएफटी
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