scriptयहां शिक्षाधिकारियों में तालमेल के अभाव में बिगड़ रही स्कूलों की रसोई | Schools lacking in the lack of coordination among the educators | Patrika News

यहां शिक्षाधिकारियों में तालमेल के अभाव में बिगड़ रही स्कूलों की रसोई

locationडूंगरपुरPublished: Oct 23, 2018 10:55:23 am

Submitted by:

milan Kumar sharma

राजकीय विद्यालयों में इस सत्र में अब तक नहीं मिली कंजर्वन, कुक कम हेल्पर मद की राशि, अधिकांश स्कूलों में खाली हो गए गेहूं-चावल के ड्रम, समन्वय की कमी बन रही सबसे बड़ा रोड़ा

photo

यहां शिक्षाधिकारियों में तालमेल के अभाव में बिगड़ रही स्कूलों की रसोई

मिलन शर्मा एवं एम.पी. सिंह चौहान की खास रिपोर्ट…


डूंगरपुर/पूंजपुर. राजकीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से शुरू की गई पोषाहार व्यवस्था पर हाल ही में शिक्षा विभाग में अधिकारियों के नए सेटअप ने पलीता फेर दिया है। हालात यह है कि नए कार्यालय सेटअप के चलते जुलाई माह से अधिकांश विद्यालयों में अब तक पोषाहार मद में नहीं तो कंजर्वन राशि जमा हुई है और नहीं कुक कम हेल्पर को मानदेय का भुगतान हो पाया है। इतना ही नहीं कई राजकीय विद्यालयों में इस सत्र में अब तक गेहूं और चावल का एक दाना भी नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में राजकीय विद्यालयों में पोषाहार व्यवस्था पर संकट खड़ा हो गया है।

इसीलिए आ रही समस्या
शिक्षा विभाग का इस सत्र में पूरा ध्यान नई सेटअप व्यवस्था समग्र शिक्षा अभियान पर था। ऐसे में अधिकारी भी नए विभागीय सेटअप में खुद को सेट करने की फिराक में लगे रहे। इन सबके फेर में अधिकांश विद्यालयों के मांग पत्र एक-विभाग से दूसरे विभाग में ही घुमते रह गए और अब तीन-तीन माह से पोषाहार मद में राशि जमा नहीं होने पर विद्यालयों ने भी अब हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं।

पहले और अब
पहले : नई सेटअप व्यवस्था से पहले संस्थाप्रधान गत माह के नामांकित एवं लाभान्वित विद्यार्थियों के आधार पर मांग पत्र बनाकर ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को भेजते थे। यहां से बीईईओ समेकित सूचना डीईओ को भेजते थे। डीईओ वापस इसी क्रम से राशि स्कूलों के खातों में जमा करवाते थे तथा इसी तरह खाद्यान्न भी आपूर्ति की जा रही थी।
अब : नई व्यवस्था के तहत अब संस्थाप्रधान मांग पत्र पदेन पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) को भेजते हैं। पीईईओ समेकित सूचना संग्रहित कर सीडीबीईओ को भेजते हैं। यहां से सूचनाएं डीईओ को भेजनी है और अंत में डीईओ से सीधे राशि स्कूलों के खातों में जमा होगी।

बजट तो है भरपूर…
विभाग का मानना है कि पीईईओ के पास पर्याप्त स्टॉफ नहीं है। ऐसे में वह इस कार्य में अधिक रुचि नहीं ले रहे हैं। एक भी पीईईओ से सूचना नहीं आने से बीडीईओ सूचना नहीं भेज पा रहे हैं और वहां से सूचनाएं पूर्ण नहीं आने से पूरे जिले की राशि अटक रही है। जबकि, स्थिति यह है कि बजट भरपूर है। यदि आज सूचनाएं समेकित प्राप्त हो जाए, तो आज ही राशि स्कूलों के खातें में जमा हो जाए।

दूध की राशि भी अटकी
राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को रोज गर्मागर्म दूध देने के लिए शुरू की गई अन्नपूर्णा योजना पर अव्यवस्थाओं का असर साफ पड़ रहा है। स्थितियां यह है कि सितम्बर माह की राशि स्कूलों में जमा ही नहीं हुई हैं, तो कई स्कूलों में अगस्त और सितम्बर दो-दो माह से अधिक की बाकियात चढ़ गई है।

यहां यह है स्थिति…
राजकीय विद्यालय विद्यालय में दूध की राशि सितम्बर माह से बकाया है। कुक कम हेल्पर की बाकियात काफी है। राप्रावि ननोमा फला गोठमहुडी में खाद्य सामग्री एक माह चले उतनी है। दूध व कूक कम हेल्पर का भूगतान जून माह से अब तक नहीं मिला है। रामावि चूण्डिय़ावाड़ा, रामावि खेड़ासामौर, राउप्रावि नलवा में भी पोषाहार की सामग्री है। पर, दूध व कुक कम हेल्पर का भुगतान ही शेष है।

इंफो न्यूज …
इतने विद्यार्थी है लाभान्वित
ब्लॉक पात्र
आसपुर 13,552
बिछीवाड़ा 27, 832
डूंगरपुर 27,936
सागवाड़ा 31,141
सीमलवाड़ा 19,983
झौथरी 19,926
गलियाकोट 14,772
चीखली 12,300
दोवड़ा 19,831
साबला 15890
कुल 2,12,165

———-
फेक्ट इंफो…
– 1 लाख 33 हजार 515 विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे पहली से पांचवी कक्षा मेें
– 76 हजार 744 विद्यार्थी हैं कक्षा छह से आठ में अध्ययनरत
– 3600 से अधिक कुक कम हेल्पर का मानदेय भी तीन माह से है बकाया
– 03 करोड़ रुपए से अधिक की है बाकियात
– झौथरी एवं सागवाड़ा ब्लॉक की सूचनाएं है लंबित
– साढ़े 87 लाख रुपए चाहिए हर माह दूध मद में राशि
– 03 हजार से अधिक स्कूल हो रहे हैं प्रभावित
– पूंजपुर क्षेत्र के दर्जन भर से अधिक दूध आपूर्तिकर्ताओं ने दे दी है चेतावनी

अधिकारी ने कहा..
. नए सेटअप से कुछ परेशानी आ रही है। दो ब्लॉक से सूचनाएं शेष है। वह आते ही आने वाले एक-दो दिन में करीब तीन करोड़ रुपए से अधिक की राशि कंजर्वन, दूध तथा कुक कम हेल्पर सभी जमा हो जाएगी। संस्थाप्रधान, पीईईओ एवं बीडीओ से लगातार संपर्क कर व्यवस्थाएं सुचारु की जा रही है।
गिरिजा वैष्णव, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो