script80 वर्गफीट के कमरे में सांसेें ले रही हैं छह जिदंगियां | Six zidangs are taking place in 80 square feet room | Patrika News

80 वर्गफीट के कमरे में सांसेें ले रही हैं छह जिदंगियां

locationडूंगरपुरPublished: Sep 04, 2018 05:05:08 pm

Submitted by:

Deepak Sharma

बाल शिशु गृह की उपेक्षित तस्वीर, बयां कर रही है अभावों का दर्द

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80 वर्गफीट के कमरे में सांसेें ले रही हैं छह जिदंगियां

80 वर्गफीट के कमरे में सांसेें ले रही हैं छह जिदंगियां

डूंगरपुर. आज बचपन की दर्द भरी तस्वीर सामने आ रही हंै। यहां उपेक्षा है। मजबूरी है। रूसवाई है। कुछ के अपने हैं, पर वे उन्हें ठूकरा चुके हैं। कुछ को अपनों ने ही लूट लिया और जमाने भर का दर्द दे दिया। यहां जिक्र बाल शिशु गृह का है। वर्तमान में चार साल से लेकर चार माह तक के छह बच्चे यहां जिन्दगी की जद्दोजहद कर रहे हैं। सरकार का संरक्षण तो मिला लेकिन बस इनको जैसे-तैसे बड़े करने का भाव है। महज दो ८०-८० वर्गफीट के छोटे-छोटे कमरों में इनका जीवन है। एक कमरे में दफ्तर है। दूसरे छोटे से कमरे में एक साथ छह जिदंगियों अपने डग भर रही हैं।

महज १३ वर्ष की उम्र में बना दिया मां
यहां एक साल का बच्चा भी है। इसका दर्द आंखें नम कर देता है। महज १३ साल की बच्ची के साथ इसके सगे चाचा और एक अन्य रिश्तेदार ने बलात्कार किया। परिणामस्वरुप बच्ची गर्भवती हो गई। एक बच्चे को जन्म दिया। यह वही बालक है।
कुछ दिन मां ने पाला, पर यह नन्ही जान अपने को ही ठीक से संभाल नहीं पा रही थी तो बच्चे को कैसे संभालती। मजबूरन इसे बाल शिशु गृह भेजा गया। तब से बालक यही पर हैं।

एक का क्रंदन, सब का शुरू
आध्या इलाज के लिए बाहर है और वर्तमान में यहां पांच बच्चे हैं। यह सब बच्चे एक कमरे में है। छोटे से कक्ष में एक पलंग लगा है। इस पर चार बच्चे लेटे हुए थे। तीन माह का उदित झूले में था। पलंग पर सोया एक बच्चा यकायक रोने लगा। एक-एक कर सबकी नींद खुलती गई और सबके कं्रदन शुरू हो गए। एक आया सबको संभालने में नाकाम रही थी तो यहां कार्यरत कार्मिक भी दौडक़र बच्चों को पुचकराने लगे। यह स्थितियां प्रतिदिन बीसियों पर बार बनती हैं।

कहां खेलें
कमरे में बच्चों के लिए छोटी-मोटी खेल सामग्री उपलब्ध है, लेकिन जगह के अभाव में बच्चे खुलकर खेलकूद तक नहीं पाते हैं। बाल सुलभ अठखेलियां करने में भी बच्चों को परेशानियां होती हैं।

संक्रमण और बीमारी का खतरा
एक ही कमरे में सभी बच्चों के साथ रहने और एक के बीमार होने पर अन्य बच्चों के संक्रमित होने की संभावना भी अक्सर
बनी रहती है। यहां कार्यरत केयरटेकर बताते हैं कि एक के बीमार होने पर दूसरे इसकी चपेट में आता ही है।

फिर कभी अकेले सैर पर नहीं गई
बाल शिशु गृह में एक दो कक्ष अतिरिक्त चाहिए। बच्चों की सार-संभाल में दिक्कतें आती है। खासकर बीमार होने पर बच्चों को अलग कक्ष में रखने से दूसरे बच्चों की सेहत बेहतर रहेगी।
– कुलदीप शर्मा, केयरटेकर, बाल शिशु गृह

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