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ठाठ-बाट से निकली ठाकुरजी की बारात

locationडूंगरपुरPublished: Nov 20, 2018 04:44:06 pm

Submitted by:

Deepak Patel

देवउठनी एकादशी पर हुए विविध अनुष्ठान

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ठाठ-बाट से निकली ठाकुरजी की बारात

डूंगरपुर. देवप्रबोधिनी एकादशी पर सोमवार को जिले भर में विविध आयोजन हुए। शहर सहित कई जगह तुलसी विवाह के मनोरथ हुए। मंदिरों में अनुष्ठान हुए।
शहर श्रीनाथजी मंदिर में श्रद्धा और उल्लास के साथ परंपरागत तुलसी विवाह महोत्सव हुआ। अलौकिक विवाह का साक्षी बनने श्रद्धालु उमड़ पड़े। शाम को मुरलीधरजी मंदिर परिसर में राजसी ठाठ के साथ ठाकुरजी की बिन्दौली निकली। बैण्डबाजों एवं आतिशबाजी के साथ बिन्दौली ने नगर भ्रमण किया। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने स्वागत कर शीश नवाया। महिलाओं ने भजनों की धुनों पर नृत्य किया। गाजेबाजे से निकली बारात देर शाम श्रीनाथजी मंदिर पहुंची। यहां वधु पक्ष और श्रद्धालुओं ने बारात की अगवानी की। तोरण, सास तिलक, भुआ तिलक आदि रस्मों के बाद ठाकुरजी को मंडप में ले जाया गया। भगवान के माता-पिता बनने का लाभ उत्पल पुनमचंद श्रीमाल व उनकी पत्नी गरिमा को लिा। वधु पक्ष के माता-पिता चंद्रप्रकाश डोवाचंद श्रीमाल व अनीता श्रीमाल बने। चंद्रप्रकाश व पवन पुत्र शिवलाल वधु के मामा व हेमलता, रेखा व चेतना को वधु की भुआ बनने का सौभाग्य मिला। मंडल में जयकारों के साथ विवाह रस्में पूर्ण की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
इसी तरह विद्यानिकेतन माध्यमिक विद्यालय नई बस्ती में प्रधानाचार्य जितेन्द्र कुमार जोशी की अध्यक्षता में तुलसी पूजन कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में तुलसी माता के पौधे के लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रभारी मंजुरानी चौबीसा ने तुलसी माता की आरती व पूजन किया। साथ ही ऋषभदेव के देवेन्द्र चौबीसा, सुरेश आमेटा सनवाड़ा ने भी तुलसी पूजन कि या। ममता चौबीसा ने तुलसी माता पर भजन व हिमानी व रवी ने तुली स्तुति की प्रस्तुति दी। इस मौके पर नाहरसिंह, माहेश्वेता चौबीसा, राधिका शर्मा, वीणा सोमपुरा, संतोष पटेल, जया चौबीसा, रोहनसिंह भाटी, नरेश कटारा, जिनल शाह, स्विटी लखरा, सुमित्रा मनात आदि मौजूद थे।


उमड़े श्रद्धालु
सागवाड़ा. देवउठनी एकादशी पर सोमवार को तुलसी विवाह के तहत जेठाणा में गंधकूटी के साथ भगवान की शोभायात्रा निकालकर तुलसी विवाह रचाया।
नागरेश्वर मंदिर से दोपहर में गाजे बाजे के साथ भगवान लक्ष्मीनारायण की बारात लक्ष्मीनारायण मंदिर से शुरू हुई। विभिन्न मौहल्लों में श्रद्धालुओं ने श्रीफल, कंदमूल व पुष्प चढ़ाकर दर्शन लाभ लिया। बारात के दौरान राम मण्ड़ल, जलाराम मंडल, मारुति मण्ड़ल व एकादशी मंडल के सदस्यों सहित श्रद्धालु भजन कीर्तन व गुलाल उडाते चल रहे थे। बारात नागेश्वर मंदिर, विश्वकर्मा मंदिर होकर भमेरा तालाब पहुंची। लक्ष्मीनारायण मंदिर पर पूजा का लाभ प्रकाश नाथुराम पण्ड्या ने तथा भमेरा माता मंदिर पर आरती का लाभ अमित कान्तिलाल मेहता ने लिया। बारात के रूप में शोभायात्रा सीताराम आश्रम पहुंची जहां आश्रम के महंत मोतीराम पुरोहित ने अगवानी की। आश्रम में वैवाहिक गीतों व भजन कीर्तन के बीच विवाह मंडप में देवशंकर कोदरजी व्यास के यजमानत्व में तुलसी का भगवान शालिग्राम से विवाह रचाया। इस दौरान चुन्नीलाल भट्ट, विश्वनाथ पण्ड्या, कांतिलाल मेहता, गौरीशंकर सुथार, मावजीलाल सुथार आदि मौजूद थे।


विवाह रस्म को लेकर छाया उल्लास
साबला. देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह को लेकर हरिमंदिर में महंत अच्युतानंद महाराज के सानिध्य में ठाकुरजी की बारात गाजे बाजों व मंगलगीतों के बीच निकली। बारात हरिमंदिर से साबला के मुख्य मार्गो से रवाना होती हुई पाटीदार मोहल्ले के क न्या पक्ष का किरदार निभा रहे हिरजी पाटीदार के यहां पहुंची। यहां शुभ विवाह की रस्म हुई। भारभुजा मङ्क्षदर परिसर में पंडित रमेशचन्द्र पण्डया के वैदिक मंत्रोच्चारण बीच भी तुलसी विवाह हुआ।

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