घटना के बाद तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस के अनुसार घोड़ाकाट गांव में शुक्रवार को मंडप कार्यक्रम था। इस मंडप कार्यक्रम में ग्रामीणों के साथ ही बड़ी संख्या में बच्चे भी थे। गांव के ही जगदीश पुत्र विश्राम और लालु पुत्र रूपला ने अचानक ही छह बच्चों को मंडप से बाहर बुलाया और हमला बोल दिया। इस तरह से अचानक हुई मारपीट से घबराए और इधर-उधर भागने लगे, लेकिन इन दोनों युवाओं ने बच्चों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।
एक बच्चे के अनुसार युवकोें ने तब तक पीटा जब तक घायल बेसुध नहीं हुए। घायलों में दो बच्चे माड़ा के भी शामिल थे। इस घटना से बच्चे इतने सहम गए थे कि मुंह से बोल तक नहीं निकल पा रहे थे। 108 के पायलट चैतराम और राजेश ने बताया कि मौके पर बच्चों की हालत बहुत ही खराब थी। बच्चों के परिजनों ने बताया कि शाम करीब साढ़े छह बजे के बाद मंडप परिसर में ही ये बच्चे बैठे हुए थे। तभी जगदीश और लालु आए और हमला बोल दिया। इस मारपीट में माड़ा के गमेती फला निवासी विनोद पुत्र नंदलाल गमेती, राजेश पुत्र नंदलाल गमेती, घोड़ाकाट निवासी ईश्वर पुत्र कांतिलाल बरंडा, भारत पुत्र नगीन बरंडा, जगु पुत्र धुला बरंडा और अनिल पुत्र मोहनलाल घायल हुए है। ये सभी बच्चे 10 से 15 वर्ष की आयु के है। ग्रामीणों ने बताया कि मारपीट के पीछे कारण कुछ भी नहीं था। ऐसे में ऐसा कोई बात सामने नहीं आई जो मारपीट का कारण बनी हो। इधर, एसआई बाबूलाल ने बताया कि घटना स्थल से बच्चों को हॉस्पिटल लाए और इनका इलाज शुरू कर दिया गया है। इस मामले की पूरी जांच की जाएगी।