दुनिया अजब गजब

ब्रिटिश सिपाहियों की पूजा करते हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का विश्वास है कि मारे गए नौ
अंग्रेज सिपाहियों की आत्मा उनकी बुरी आत्माओं से रक्षा करेगी

Aug 10, 2015 / 11:59 pm

जमील खान

Shrine

अलीगढ़। इसे समय का चक्र ही कहा जाएगा। 1857 की क्रंति में विद्रोहियों द्वारा मारे गए नौ अंग्रेज सिपाहियों की आज भी ग्रामीणों द्वारा पूजा की जा रही है। ग्रामीणों का विश्वास है कि मारे गए नौ अंग्रेज सिपाहियों की आत्मा उनकी बुरी आत्माओं से रक्षा करेगी।

हर मांगलिक उत्सव, त्यौहार आदि पर ग्रामीण कतार से खड़े होकर यहां बनी पटिया (तिकोने आकार के बनाए गए धार्मिक चिन्ह) पर दीपक और अगरबत्ती जलाते हैं और पूजा करते हैं। यहां एक स्मारक भी बना हुआ है।

आश्चर्य की बात तो यह है कि ये ग्रामीण उन्हीं विद्रोहियों के उत्तराधिकारी बताए जाते हैं कि जिनके पूर्वजों ने इन सिपाहियों को मार गिराया था। यह जगह आगरा से 121 किलोमीटर दूर अलीगढ़ जिले के गांगरी ब्लॉक के शैरपुर गांव में है।

गांव के प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक जयवीर सिंह कहते हैं कि हर तीज-त्यौहार पर लोग यहां स्थित पीपल के पेड़ पर धागा बांधते हैं, मिट्टी का दीया और अगरबत्ती जलाते हैं और फूल चढ़ाकर इन लोगों की आत्माओं से खुद की रक्षा करने का आह्वान करते हैं।

पुष्पेन्दर नाम के एक व्यक्ति ने कहा कि मृत लोगों में विशेष शक्तियां होती हैं। ये हमारे गांव की रक्षा करती हैं। इतना ही नहीं, हर साल इन सिपाहियों के परिवार वाले भी अपने पूर्वजों, जो यहां दफनाए गए हैं, को श्रद्धांजलि अर्पित करने यहां आते हैं।

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