इंसान अक्सर विषम परिस्थितियों से हार कर आत्महत्या कर लेते हैं यह हम सभी जानते हैं, लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि जानवर भी आत्महत्या करते हैं। डॉलफिन ट्रेनर रिचर्ड ऑबेरॉय के मुताबिक उनकी पालतू डॉलफिन ने एक टीवी शो “फ्लिपर” के दौरान आत्महत्या कर ली थी।
आपको बता दें कि डॉल्फिन्स और व्हलेस में यह विशेषता होती है कि वे इंसानों की तरह साँस नहीं लेती हैं बल्कि उनकी हर एक साँस उनका एक सचेत प्रयास (conscious effort ) होती है। डॉल्फिन्स और व्हेल्स जब चाहे अपनी जिन्दगी समाप्त कर सकती है। Richard कहते हैं कि जिस दिन उनकी प्यारी डॉल्फिन ने आत्महत्या की उस दिन वो बहुत उदास थी। उनका कहना है कि वह पूल के किनारे बैठे थे और उसी वक्त वह तैर कर उनकी बाहों में आ गई, उसने रिचर्ड की आँखों में देखा, एक सांस ली और फिर दूसरी नहीं ली। इसके बाद वह धीरे-धीरे टैंक में डूब गयी। इस घटना ने रिचर्ड ऑबेरॉय को डॉलफिन ट्रेनर से एनिमल राइट एक्टिविस्ट में बदल दिया।
इसी तरह का एक वाकया नवम्बर 2011 में तब हुआ जब 61 व्हेल्स एक साथ न्यूजीलैंड के एक बीच पर आ गईं, इनमें से केवल 18 को ही बचाया जा सका। जब इस बारे में जानकारी करने की कोशिश की गई कि व्हेल्स ने ऐसा क्यों किया तो पता चला कि व्हेल में ऐसी सहजवृत्ति होती है कि यदि झुंड की एक व्हेल कुछ अलग करती है तो बाकी की व्हेल्स भी उसका अनुसरण करती हैं।
स्विजरलैंड के 28 गाय और बैल एक ही पहाड़ी से कूद कर मर गये थे। वैसे तो एल्पाइन रीजन में इस तरह की घटना आम बात है लेकिन तीन दिन की छोटी सी अवधि में एक ही जगह से इतनी जानवरों का कूद कर मर जाना एक अत्यंत दुर्लभ घटना थी। स्थानीय लोगों ने कहा कि इसके लिए तूफानों की भयंकर गर्जना जिम्मेदार थी। लोगों के अनुसार इस तरह की आवाजें जानवरों को ऐसा करने के लिए उकसाती हैं।
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