दबाव बढ़ा तो 5.96 करोड़ लौटाया
केंद्र सरकार द्वारा कीमतों में कटौती के बाद जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधीन तीन जिले 20 हजार किसानों का 6.57 करोड़ से ज्यादा भावांतर की राशि लौटाना था। जिला सहकारी बैंक की डिमांड पर साल की शुरूआत में 5 करोड़ 96 लाख रुपए लौटाई गई। यह राशि किसानों को लौटाई जा चुकी है, लेकिन केंद्र ने बचे हुए करीब एक हजार किसानों की 26 लाख 62 हजार रुपए अब तक नहीं लौटाई है।
किसानों की फूट रही नाराजगी
इधर एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी भावांतर की राशि नहीं मिल पाने पर किसानों की नाराजगी फूट रही है। किसान समितियों में पहुंचकर अफसरों के सामने तकादा कर रहे हैं। इससे वाद-विवाद की स्थिति भी बन रही है। कई समितियों में किसान विरोध प्रदर्शन कर अब ब्याज के साथ राशि की डिमांड कर रहे हैं। इससे समितियों के कर्मचारियों को विपरीत स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। मामला केंद्र से जुड़ा होने के कारण अधिकारी भी ठोस जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
रिसामा के किसानों ने घेरा सहकारी बैंक
इधर अंतर की राशि नहीं मिलने से नाराज रिसामा सोसायटी के किसानों ने जिला सहकारी केंद्रीय बंैक का घेराव किया। किसानों का कहना था कि रिसामा, चिरपोटी, मतवारी व समिति से जुड़े अन्य गांवों के करीब डेढ़ सौ किसानों को भावांतर की राशि नहीं मिली है। किसानों ने उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी। घेराव करने वालों में राजकुमार गुप्ता, ढालेश साहू, पंकज पांडे, किशुन साहू , सेवक राम साहू, केदार साहू, तुलसी राम साहू, देव प्रसाद साहू, केजू राम साहू, श्रीराम साहू, कीर्तन साहू, गरीब साहू आदि शामिल थे।