दस माह में उखड़ी सड़क
2 करोड़ 9 लाख 89 हजार की करीब साढ़े 4 किमी लंबी सड़क का निर्माण अगस्त 2015 में पूरा हुआ, लेकिन यह सड़क 10 माह भी नहीं चली। शिकायत पर जुलाई 2016 में अफसरों ने जांच की तब सड़के जगह-जगह से उखड़ गई थी। अफसरों ने सड़क की फोटोग्राफ्स के साथ इसकी रिपोर्ट भी जमा कराई थी।
हैवी वाहनों का बहाना
जांच में सड़क उखडऩे की पुष्टि होने के बाद अफसर हैवी वाहन का बहाना बनाकर कार्रवाई से बचने का जुगत लगाते रहे है। अफसरों का कहना था कि सड़क 10 से 12 टन क्षमता के वाहनों के लिए बनाया गया था, लेकिन अवैध मुरूम खनन करने वालों में सड़क पर 20 से 30 टन भारी वाहन चलाए।
68 लाख वसूली का प्रस्ताव
हैवी वाहनों के कारण सड़क खराब होने संबंधी रिपोर्ट के आधार पर ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण द्वारा अवैध मुरूम खनन करने वाले ठेकेदार से 68 लाख वसूली का प्रस्ताव देकर खानापूर्ति कर लिया गया। यह प्रपोजल खनिज विभाग को भी भेजा गया, लेकिन खनिज विभाग ने भी वसूली पर ध्यान नहीं दिया।
पहले स्वीकार, अब इनकार
जुलाई 2016 की जांच में सड़क उखडऩे की पुष्टि करते हुए वसूली का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन अब अफसरों ने निर्माण में गड़बड़ी से इनकार करते हुए उसी सड़क की मरम्मत के लिए 1 करोड़ 20 लाख का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। अफसरों का कहना है कि सड़क की जांच में उच्च अधिकारियों ने एस श्रेणी प्रदान किया है।
जवाब नहीं देते अफसर
जिला पंचायत के संचार संचार संकर्म समिति की सभापति अमिता बंजारे का कहना है कि लगभग हर बैठक में यह मामला उठाया जाता रहा है। संचार संकर्म की बैठक में भी रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन अफसर न तो जवाब दे रहे हैं और न ही ठोस कार्रवाई की जा रही है। बैठक में जवाब देने के लिए कोई भी जिम्मेदार अफसर नहीं आता।
गारंटी पूरी हो चुकी
ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के इइ प्रदीप वर्मा का कहना है कि सड़क की गारंटी पीरियड पूरी हो चुकी है। इसकी नए सिरे से मरम्मत कराया जाना है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू कराया जाएगा। सदस्यों की नाराजगी सड़क की खराब हालत को लेकर है, लेकिन इसकी स्वीकृति की निश्चित प्रक्रिया है। इसका पालन जरूरी है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।