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समर्थन मूल्य पर धान खरीदी – 20 हजार गठान बारदानों की दरकार, जुटा पाए केवल 14 हजार गठान

locationदुर्गPublished: Nov 25, 2021 11:10:51 pm

Submitted by:

Hemant Kapoor

पिछले साल की तरह इस बार भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी बारदाना संकट के बीच होगी। हालात यह है कि जिले में धान खरीदी के लिए कम से कम 20 हजार गठान यानि करीब 1 करोड़ बारदानों की दरकरा है। इसकी जगह तमाम उपक्रमों के बाद भी अब तक महज 14 हजार गठान यानि 70 लाख बारदाने का जुगाड़ हो पाया है। अभी भी 6 हजार गठान 30 लाख बारदानों की जरूरत है।

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी - 20 हजार गठान बारदानों की दरकार, जुटा पाए केवल 14 हजार

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी बारदाना संकट के बीच होगी

दुर्ग. पिछले साल 2020-21 में जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर 40 लाख 73 हजार 480 क्विंटल धान उपार्जित की गई थी। इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 41 लाख क्विंटल से ज्यादा पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। दरअसल 2500 रुपए समर्थन मूल्य के बाद किसानों का रूझान धान की खेती की ओर बढ़ा है। जिले में इस बार 98 हजार 349 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। इन किसानों का पंजीकृत रकबा 1 लाख 11 हजार 265.94 हेक्टेयर यानि 2 लाख 74 हजार 826.87 एकड़ है। इस बार भी प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी। इस तरह 41 लाख 22 हजार क्विंटल से अधिक धान खरीदी का अनुमान है।

केवल 6 हजार गठान नया बारदाना
जिला प्रशासन को इस बार महज 6 हजार गठान यानि 30 लाख बारदाना ही नया मिल पाया है। इसके अलावा 8 हजार गठान 40 लाख बारदाना पीडीएस और मिलर्स के माध्यम से उपलब्ध हुई है। बारदानों की कमी को देखते हुए इस बार आगे भी पीडीएस के बारदानें लेने की तैयारी की जा रही हैं।

एक महीनें नहीं होगी परेशानी
अधिकारियों की मानें तो अभी बारदाने की कमी कम से कम एक महीने नहीं होगी। मौजूदा उपलब्ध बारदानों से भरपूर आवक के बाद भी कम से कम एक माह की खरीदी आराम से की जा सकेगी। इसके बाद पीडीएस के नवंबर और दिसंबर के बारदाने मिल जाने से शेष जरूरत की पूर्ति हो जाएगी। इधर केंद्र से भी नए बारदाने मिल जाने की उम्मीद की जा रही थी।

पिछली बार झेलनी पड़ी थी गंभीर संकट
पिछली बार धान खरीदी में बारदानों के संकट के कारण सरकार के साथ किसानों को भी जबरदस्त परेशानी झेलनी पड़ी थी। हालात यह रहा कि पुराने बारदानें और किसानों के बोरों में धान खरीदी के बाद भी बारदाना का संकट रहा। इस बीच कई बार केंद्रों में धान खरीदी बाधित रही।

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