निर्माण के बमुश्किल एक माह बाद ही सड़क के धंस जाने का भंडाफोड़ करते हुए जिला पंचायत सदस्य मोनू साहू ने मंगलवार को मोर्चा खोल दिया। वे अपने दर्जनभर से ज्यादा समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए और अफसरों को तलब कर क्लास लगा दी। जिपं सदस्य के समर्थन में ग्रामीण भी हुजूम लेकर मौके पर पहुंच गए।
जिला पंचायत सदस्य मोनू साहू के भंडाफोड़ से हड़बड़ाए लोक निर्माण के अफसरों ने तत्काल लीपापोती भी शुरू कर दी। मौके पर सुबह ही जेसीबी और गिट्टी से लदे ट्रक बुलवा लिए गए। अफसरों ने आनन-फानन में धंस चुकी सड़क को उखाड़कर पेंच लगाना शुरू कर दिया। इस दौरान विभाग के इंजीनियर मौके पर मौजूद रहे।
जिला पंचायत सदस्य ने इससे पहले ही निर्माण के दौरान सड़क की घटिया क्वालिटी को लेकर जिला पंचायत की सामान्य सभा में मामला उठाया था। उन्होंने तब सड़क के जल्द खराब होने की आशंका जताई थी। तब पीडब्ल्यूडी के ईई ने उन्हें अपनी इंजीनियरिंग दक्षता का हवाला देकर टाल दिया था।
जिला पंचायत सदस्य साहू व मौके पर मौजूद उनके समर्थकों ने सड़क निर्माण में स्थानीय एसडीओ और उप अभियंता की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया है। संबंधित अधिकारियों के पद व स्थानीय बड़े नेताओं तक पहुंच का फायदा उठाकर सड़कों के निर्माण में पार्टनरशिप और ठेके हथियाएं जाने की भी चर्चा सामने आई है।
बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र में दर्जनभर से ज्यादा बड़े सड़कों का निर्माण चल रहा है। करीब इतनी ही सड़कों का निर्माण भी पूरा हो चुका है। एक माह पुरानी सड़क के धंस जाने से इन सड़कों की क्वालिटी पर भी सवालियां निशान खड़ा हो गया है। भाजपा नेता सभी सड़कों की क्वालिटी टेस्ट की डिमांड कर रहे हैं।
मोनू साहूसदस्य, जिपा पंचायत दुर्ग ने बताया कि सड़क निर्माण के नाम पर महज बंदरबाट किया गया है। इसका खुलासा पहली बारिश में ही हो गई है। मुख्यमंत्री के इलाके का यह हाल है तो प्रदेश की दूसरे इलाकों की सड़कों की गुणवत्ता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। मैनें जिपं में घटिया निर्माण का मामला उठाया था। तब ईई ने मुझे इंजीनियर नहीं होने का हवाला देकर अपमानित किया था। अशोक श्रीवास ईई, पीडब्यूडी दुर्ग ने कहा कि करीब 15 मीटर सड़क धंस गई थी। कुछ जगहों पर ऐसी शिकायत है। रोलिंग ठीक से नहीं किए जाने के कारण ऐसी स्थिति बनीं थी। इसे तत्काल मरम्मत करा दिया गया है। अभी तीन साल तक सड़क गारंटी पीरियड में रहेगी। इस बीच किसी भी खराबी के लिए ठेकेदार जिम्मेदार होगा। इस बीच खराबी आएगी तो ठेकेदार से मेंटेनेंस कराया जाएगा।