scriptदुर्ग जिले में रिकॉर्ड, एक दिन में 27 कोरोना मरीजों की मौत, दूसरी ओर ढाई हजार से ज्यादा लोग ठीक होकर लौटे घर | 27 people died from Coronavirus in Durg district chhattisgarh | Patrika News

दुर्ग जिले में रिकॉर्ड, एक दिन में 27 कोरोना मरीजों की मौत, दूसरी ओर ढाई हजार से ज्यादा लोग ठीक होकर लौटे घर

locationदुर्गPublished: Apr 11, 2021 04:50:52 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

Durg District में corona कहर बनकर टूट रहा है। जिले में एक दिन में 27 कोरेाना मरीज जिंदगी की जंग हार गए। वहीं शनिवार को जिले में 2272 नए संक्रमित मिले है।

दुर्ग जिले में रिकॉर्ड, एक दिन में 27 कोरोना मरीजों की मौत, दूसरी ओर ढाई हजार से ज्यादा लोग ठीक होकर लौटे घर

दुर्ग जिले में रिकॉर्ड, एक दिन में 27 कोरोना मरीजों की मौत, दूसरी ओर ढाई हजार से ज्यादा लोग ठीक होकर लौटे घर

भिलाई . दुर्ग जिले में covid-19 कहर बनकर टूट रहा है। जिले में एक दिन में 27 कोरेाना मरीज जिंदगी की जंग हार गए। वहीं शनिवार को जिले में 2272 नए संक्रमित मिले है। दूसरी ओर लॉकडाउन के बीच एक अच्छी खबर भी आई है। शनिवार को जिले के 2610 कोरेाना मरीज ठीक होकर अपने घर भी लौटे हैं। जिले में कोरोना का कहर कम नहीं हो रहा है। लॉकडाउन लागू हुए पांच दिन बीत गए पर संक्रमितों की संख्या में कमी नहीं आई है। इधर स्वस्थ हुए लोगों का कहना है कि घबराइए बिलुकल नहीं, मनोबल बढ़ाकर रखिए आप भी कोरोना को मात दे सकते हैं।
Bhilai steel plant के अधिकारी और कर्मी की मौत
बीएसपी में आरसीएल के मैनेजर के पद पर कार्यरत एक अधिकारी की मौत हो गई। रॉ मटेरियल से सीनियर ऑपरेटर और ब्लास्ट फर्नेस स्टेशन के एक कर्मी की भी मौत हो गई है। कोरोना संक्रमित कार्मिकों की लगातार मौत हो रही है, लेकिन प्रबंधन अब तक रोस्टर सिस्टम लागू नहीं किया है। पिछले लॉकडाउन में रोस्टर सिस्टम लागू किया था।
अंतिम संस्कार कर रहे मैदान में
कोरोना महामारी के दौर में अंतिम संस्कार करने का काम मुक्तिधाम के शेड में नहीं हो रहा है। जगह कम पडऩे की वजह से शवों को मैदान में चिता सजाकर अंतिम संस्कार के रस्म को पूरा किया जा रहा है। यह पहली बार हो रहा है। कंडा का उपयोग करने से धुआं उठ रहा है, जिसका विरोध आसपास रहने वाले मोहल्ले के लोग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अंतिम संस्कार लकड़ी से ही किया जाए। उनको डर है कि कंडे के धुएं से वे भी संक्रमित न हो जाएं।
दिहाड़ी मजदूर पर कर रहे हैं अंतिम संस्कार
दुर्ग-भिलाई के मुक्तिधाम में हर दिन 50 से 60 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इस काम को अंजाम देने वाले जिम्मेदार और काम को करने वाले कर्मियों का सम्मान करना चाहिए। वे बिना थके दिहाड़ी मजदूरी में काम कर रहे हैं। इस दौरान कई बार उनको परिवार के लोग तो कई बार अधिकारी फटकार लगा देते हैं। बावजूद इसके वे कभी पीपीई किट पहनकर तो कभी पसीना में तर होने की वजह से बिना पीपीई किट के ही अंतिम संस्कार के रस्म को पूरा करने के लिए चिता सजाने से लेकर शवों को चिता में लाकर रखने तक का काम कर रहे हैं। इसी तरह से निकायों के प्रमुख चाहे वे आयुक्त हों या सीएमओ अंतिम संस्कार के लिए जरूरी चीजों को उपलब्ध करवा रहे हैं। इतना ही नहीं व्यवस्था पर नजर रखे हैं।
फैक्ट फाइल :-
तारीख — संक्रमित
1 अप्रैल — 996
2 अप्रैल — 964
3 अप्रैल — 857
4 अप्रैल — 995
5 अप्रैल — 1169
6 अप्रैल — 1838
7 अप्रैल — 1664
8 अप्रैल — 2132
9 अप्रैल — 1786
10 अप्रैल — 2272
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