बीएसपी में आरसीएल के मैनेजर के पद पर कार्यरत एक अधिकारी की मौत हो गई। रॉ मटेरियल से सीनियर ऑपरेटर और ब्लास्ट फर्नेस स्टेशन के एक कर्मी की भी मौत हो गई है। कोरोना संक्रमित कार्मिकों की लगातार मौत हो रही है, लेकिन प्रबंधन अब तक रोस्टर सिस्टम लागू नहीं किया है। पिछले लॉकडाउन में रोस्टर सिस्टम लागू किया था।
कोरोना महामारी के दौर में अंतिम संस्कार करने का काम मुक्तिधाम के शेड में नहीं हो रहा है। जगह कम पडऩे की वजह से शवों को मैदान में चिता सजाकर अंतिम संस्कार के रस्म को पूरा किया जा रहा है। यह पहली बार हो रहा है। कंडा का उपयोग करने से धुआं उठ रहा है, जिसका विरोध आसपास रहने वाले मोहल्ले के लोग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अंतिम संस्कार लकड़ी से ही किया जाए। उनको डर है कि कंडे के धुएं से वे भी संक्रमित न हो जाएं।
दुर्ग-भिलाई के मुक्तिधाम में हर दिन 50 से 60 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इस काम को अंजाम देने वाले जिम्मेदार और काम को करने वाले कर्मियों का सम्मान करना चाहिए। वे बिना थके दिहाड़ी मजदूरी में काम कर रहे हैं। इस दौरान कई बार उनको परिवार के लोग तो कई बार अधिकारी फटकार लगा देते हैं। बावजूद इसके वे कभी पीपीई किट पहनकर तो कभी पसीना में तर होने की वजह से बिना पीपीई किट के ही अंतिम संस्कार के रस्म को पूरा करने के लिए चिता सजाने से लेकर शवों को चिता में लाकर रखने तक का काम कर रहे हैं। इसी तरह से निकायों के प्रमुख चाहे वे आयुक्त हों या सीएमओ अंतिम संस्कार के लिए जरूरी चीजों को उपलब्ध करवा रहे हैं। इतना ही नहीं व्यवस्था पर नजर रखे हैं।
तारीख — संक्रमित
1 अप्रैल — 996
2 अप्रैल — 964
3 अप्रैल — 857
4 अप्रैल — 995
5 अप्रैल — 1169
6 अप्रैल — 1838
7 अप्रैल — 1664
8 अप्रैल — 2132
9 अप्रैल — 1786
10 अप्रैल — 2272