दुर्ग

खेती किसानी- नहीं मिल रहे बीज, 28 हजार क्विंटल बीज की दरकार, समितियों में पहुंचा केवल 18 हजार

जिले में खरीफ की तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन सहकारी समितियों में बीज का पर्याप्त भंडारण नहीं हो पाया है। हालात यह है कि तमाम कोशिशों को बाद अब तक समितियों में करीब 28 हजार क्विंटल डिमांड के विरूद्ध केवल 18 हजार क्विंटल बीज का भंडारण हो पाया है। इसके चलते खरीफ की तैयारी में जुटे किसानों को खेत छोड़कर समितियों के चक्कर काटना पड़ रहा है।

दुर्गMay 21, 2022 / 07:40 pm

Hemant Kapoor

खेती की तैयारी छोड़कर किसानों को लगाना पड़ रहा समितियों के चक्कर

जिले में खरीफ की बोनी जून के प्रारंभ में शुरू हो जाती है। इससे पहले किसानों को बीज की जरूरत होती है। किसान खेती की तैयारी और बोनी से पहले ही सहकारी समितियों से बीज और खाद की एकमुश्त खरीदी कर भंडारित कर लेते हैं। दरअसल शासन की ओर से किसानों को ऋण पर खाद-बीज उपलब्ध कराने की व्यवस्था रहती है। सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को ऋण पर खाद-बीज उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन इस बार समितियों में अब तक खाद-बीज का पर्याप्त भंडारण नहीं हो पाया है।

9619 क्विंटल का भंडारण शेष
बीज निगम के माध्यम से इस बार जिले के 89 सहकारी समितियों में बीच का भंडारण किया जा रहा है। करीब पखवाड़ेभर पहले ही धान का भंडारण की शुरूआत की गई है, लेकिन अब भी 9 हजार 619 क्विंटल बीज का भंडारण शेष है। बीज निगम द्वारा औसत हर दिन 700 से 800 क्विंटल का भंडारण किया जा रहा है। ऐसे में कम से 12 से 15 दिन का समय और लगेगा।

5500 क्विंटल बीज का शॉर्टेज
खरीफ सीजन के लिए जिले के सहकारी समितियों में 27 हजार 866 क्विंटल बीज की डिमांड है, इनमें से 18 हजार 246 क्विंटल बीज का भंडारण हो पाया है। इसके अलावा बीज निगम के पास केवल 4 हजार 101 क्विंटल बीज उपलब्ध है। इस तरह अभी भी करीब 5 हजार 519 क्विंटल बीज का जिले में शॉर्टेज है। अफसर यह शॉर्टेज अन्य जिलों से मंगाकर पूरा करने की बात कह रहे हैं।

धान-अरहर को छोड़कर बीज नहीं
खरीफ में जिले में धान व अरहर के अलावा सोयाबीन, उड़द, मूंग, सागी, सन आदि की खेती की जाती है। फिलहाल धान और अरहर को छोड़कर जिले में शेष फसलों के लिए बीज ही नहीं है। सोयाबीन की जिले में 36 हजार क्विंटल से ज्यादा बीज की दरकार है, लेकिन जिले में केवल 10 क्विंटल ही स्टॉक है। वहीं मूंग, उड़द, रागी का स्टॉक ही नहीं है।
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