उरला के नाले में भी बिना बेस और छड़ के निर्माण के कारण दीवार ढहने का खुलासा हुआ है। यहां नाले में कांक्रीटीकरण के नाम पर भी दोनों किनारों में ईंट की दीवार खड़ी कर दी गई है।
इससे पहले 2 जून को सिकाला में निर्माणाधीन नाले की करीब 100 मीटर दीवार गिर गई थी। इसके अलावा 22 जून को सतरूपा शीतला तालाब की रिटेनिंग वॉल बारिश के कारण भरभराकर गिर गई थी। इन दोनों मामलों की जांच पूरी नहीं हुई है।
उरला में नाले की दीवार गिरने की सूचना पर विधायक अरुण वोरा ने नेता प्रतिपक्ष लिखन साहू और कांग्रेस पार्षद दल के साथ मौका मुआयना किया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई किया जाना चाहिए।
निगम के लोक निर्माण प्रभारी दिनेश देवांगन ने कहा कि नाला चार साल पुराना है। पूर्व कार्यकाल में तात्कालिक जरूरत के हिसाब से निर्माण किया गया था। नाले से लगकर सड़क है। इसमें हैवी वाहन चलने लगा है। इसके दबाव के कारण दीवार गिरने की आशंका है।मामले की जांच कराई जाएगी।