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आशा राम बाबू की तरह सजा भुगतेगा 50 साल का सोनसाय

locationदुर्गPublished: Aug 02, 2019 10:36:30 pm

Submitted by:

Mukesh Deshmukh

मासूमों पर अत्याचार करने वालों से न्यायालय सख्ती से पेश आ रही है। महज 9 साल की मासूम बच्चे से कुकृत्य करने के मामले में न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने 50 साल के आरोपी को दोषी ठहराया है।

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दुर्ग @patrika .मासूमों पर अत्याचार करने वालों से न्यायालय सख्ती से पेश आ रही है। महज 9 साल की मासूम बच्चे से कुकृत्य करने के मामले में न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने 50 साल के आरोपी को दोषी ठहराया है। न्यायाधीश ने आरोपी को दुष्कर्म की धारा के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं अप्राकृतिक कृत्य की धारा के तहत 10-10 साल की सजा अलग सी सुनाई है। हालाकि सभी सजाएं साथ साथ चलेगी। आरोपी ने उस मासूम के साथ कुकृत्य किया जो उसे बड़े पापा कहकर संबोधित करती थी। न्यायाधीश ने फैसले में स्पष्ट किया है कि शेष जीवन काल तक आरोपी जेल के चार दीवारी के भीतर ही रहना होगा। न्यायाधीश ने अलग अलग धाराओं के तहत कुल 6 हजार रुपए जुर्माना भी किया है। जुर्माना की राशि जमा नहीं करने प 2-2 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

घटना के चार दिन बाद हुआ था एफआईआर
इस मामले में धमधा पुलिस ने एफआईआर कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। तब से वह जेल में ही निरुद्ध है। पुलिस ने न्यायालय को जानकारी दी थी कि 31 अगस्त दोपहर 1.30 बजे आरोपी ने स्कूल जा रही छात्रा यह कहते हुए अपने घर बुलाया कि वह उसे खऊवा (चाकलेट बिस्कुट) देगा। जैसे ही मासूम आरोपी के घर पहुंची उसने पहले दुष्कर्म किया और बाद अप्राकृतिक कृत्य किया।
ऐसे खुला मामला
घटना के तीन दिन बाद मासूम के पेट में दर्द ऊठा। परिवार वालों ने पेट दर्द की वजह पूछा। इसके बाद मासूम घबरा गई। उसने घटना की जानकारी पहले अपने चाचा चाची को दी। इसके बाद घटना की जानकारी पीडि़त छात्रा की मां को हुई। परिवार में चर्चा करने के बाद छात्रा को लेकर 4 सितंबर को थाना पहुंची और आरोपी के खिलाफ एफआईआर कराया।
8 गवाहों के बयान से घटना हुई प्रमाणित
सुनवाई के दौरान न्यायालय में परिजनों के अलावा 8 गवाहों का बयान दर्ज किया गया। सभी ने घटना का समर्थन किया। जिसे आधार बनाते हुए न्यायालय ने फैसला सुनाया। मेडिकल रिपोर्ट भी आरोपी के खिलाफ था। इसके बाद भी न्यायालय ने आरोपी को बचाव साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर दिया, लेकिन आरोपी ने बचाव साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया।
नाबालिग को मिलेगा प्रतिकर
फैसले में न्यायाधीश ने कहा आरोपी द्वारा जुर्माना राशि जमा किए जाने पर उसे पीडि़त मासूम को प्रतिकर के रुप में देने का आदेश दिया है। वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र भी लिखा है। जिसमें पुनर्वास के लिए शासन की योजना के तहत राशि उपलब्ध कराए जाने का उल्लेख किया है।

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