6 साल में दूसरी बार ऐसे हालात
जिले में 6 साल में दूसरी बार यह स्थिति बन रही है। इससे पहले वर्ष 2014 में भी इसी तरह के हालात बनें थे। हालांकि वर्ष 2014 में जुलाई के मध्य में स्थिति सुधर गई थी और जमकर बारिश हुई थी। इसके कारण हालात भी सुधर गए थे। पिछले साल जुलाई के बाद खंडवर्षा की स्थिति बनी थी।
बारिश नहीं तो बिगड़ेंगे हालात
मैदानी इलाकों के भाठा व अपलैंड में बोनी नहीं हो पाई है। वहीं जिन्होंने बोनी कर लिया है उनके पौधे सूखना शुरू हो गए हैं। अंजोरा के सनत ने बताया उनके पास करीब 10 से 11 एकड़ खेत हैं। इनके कुछ हिस्से मैदान से लगे हैं। जल्द अच्छी बारिश नहीं हुई तो बोनी नहीं हो पाएगी।
फसलों को यह खतरा 0 जिले में 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर में धान की खेती होती है। इसमें से 88 हजार 200 हेक्टेयर में छिड़का व 13 हजार 800 हेक्टेयर में कतार बोनी होती है। अपलैंड व मैदानी इलाकों में 40 से 50 फीसदी बोनी अंकुरण की स्थिति में है। धूप व गर्मी के कारण अंकुरण सूखने की स्थिति बन रही है।