मौके पर मोहन नगर व सिटी कोतवाली पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने माहौल शांत करने की समझाइश दी। माहौल शांत नहीं होने पर अधिवक्ताओं से चर्चा करने कलेक्टर वापस कार्यालय आए। फिर बातचीत के के बाद मामला शांत हुआ।
यह घटना शाम ४.३० बजे की है। कलेक्टर उमेश अग्रवाल न्यायालय में प्रकरणों की सुनवाई कर रहे थे। एक राजस्व प्रकरण में पक्ष रखने अधिवक्ता सुधांशू खरे और हरेन्द्र उमरे भी कलेक्टर न्यायालय पहुंचे। दोनों अधिवक्ता का कहना है कि कलेक्टर ने सीधे फैसला लिखने की बात कहते हुए उन्हें बैठने के लिए कहा और कुछ देर बाद न्यायालय समाप्त कर लौट गए।
अधिवक्ताओं ने पक्ष नहीं सुने जाने की बात अधिवक्ता संघ में रखी। इसके बाद संघ के पदाधिकारियों समेत कई अधिवक्ता कलेक्टर से मुलाकात करने पहुंचे। कलेक्टर के नहीं होने पर अधिवक्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी।
हंगामा के दौरान अपर कलेक्टर के एल चौहान अधिवक्ताओं से चर्चा करने पहुंचे थे, लेकिन अधिवक्ता चर्चा के लिए तैयार नहीं हुए। बाद में कलेक्टर उमेश अग्रवाल अधिवक्ताओं से चर्चा करने खुद आए। जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों से चर्चा की।
अधिवक्ताओं की बात सुनने के बाद कलक्टर ने स्पष्ट किया कि प्रकरण में अधिवक्ताओं को नहीं सुनने जैसी कोई बात नहीं हुई है। सुनवाई प्रक्रियाओं का पालन किए बिना नहीं की जा सकती। इसके बाद ही अधिवक्ता शांत हुए। संघ के रविशंकर सिंह, पंडित अजय मिश्रा समेत कई अन्य सीनियर व जूनियर अधिवक्ता मौजूद रहे।