अंत्योदय एक्सप्रेस में खास बात यह है कि इस ट्रेन में रिर्जवेशन कराने की आवश्यकता नहीं हैं। यात्री सीधे जनरल टिकट लेकर सफर कर सकते हैं। ट्रेन एक्सप्रेस की तरह चलेगी। यहीं कारण है कि इसे अंत्योदय एक्सप्रेस का नाम दिया गया है। इस ट्रेन में सफर करने वाले हर वर्ग को समान सुविधाएं मिलेंगी।
वर्ष 2016 के बजट में अंत्योदय एक्सप्रसे ट्रेन की घोषणा की गई थी। दो वर्ष बाद इसके संचालन की अनुमति मिल पाई है। गरीब मध्यम वर्गीय लोगों की सुविधा के लिए चलने वाली इस ट्रेन को श्रमिक दिवस से शुरू किया जाएगा। रेलवे अधिकारियों की माने तो नई ट्रेन को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह हरी झंडी दिखाएंगे।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अंत्योदय एक्सप्रेस के कोच माह भर पहले से आ गए है। सुरक्षा के लिहाज से इन्हें जोन मुख्यालय बिलासपुर में रखा गया है। उद्घाटन के एक दिन पहले नई ट्रेन रायपुर लाई जाएगी। यहीं से फिरोजाबाद के लिए रवाना होगी। वहां से ट्रेन सीधे दुर्ग रेलवे स्टेशन आएगी। ट्रेन में 18 कोच हैं।
घोषणा के बाद अंत्योदय एक्सप्रेस की तर्ज पर रेलवे ने प्रायोगिक तौर पर एक एक्सप्रेस ट्रेन चलाई थी। सफल संचालन के बाद बोर्ड को रिपोर्ट भेजी गई। इसके आधार पर रेलवे ने रूट और शेड्यूल तय कर अंत्योदय एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया।
तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने वर्ष 2016 में अत्योदय एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की थी। एक वर्ष बाद पहली बार अंत्योदय एक्सप्रेस 4 मार्च 2017 को पटरी पर आई। रेल मंत्री ने एर्नाकुलम जंक्शन में हरी झंडी दिखाकर हावड़ा के लिए रवाना किया था। वर्तमान में देश में 5 अंत्योदय एक्सप्रेस चल रही है।
१. पीने के पानी के लिए फिल्टर मशीन
२. चाय कॉफी व दूध के लिए वेडिंग मशीन
३. सीसी टीवी कैमरा प्रत्येक
कोच में
४. प्रत्येक कोच में बॉयो टायलेट