महिला एंव बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने पिटाई से गंभीर अपचारी को गुपचुप तरीके से जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां दो दिन तक अपचारी का इलाज चला। बुधवार को जिला अस्पताल से अपचारी की छुट्टी हुई तो यह मामला उजागर हो गया। खास बात यह है कि इस मामले में पुलिस ने भी किसी तरह का मामला दर्ज नहीं किया है। केवल रोजनामचा रिपोर्ट डाला है।
तीसरी बार संप्रेक्षण गृह पहुंचे अपचारी ने रौब दिखाने किया हमला
संप्रेक्षण गृह के अपचारी जेल में रहने वाले कैदी की तरह बर्ताव करते हैं। सबसे पुराना अपचारी संप्रेक्षण गृह में बॉस की भूमिका में रहता है। दो दिन पहले सबसे पुराने अपचारी की रिहाई हुई। इसके बाद चोरी के प्रकरण में तीसरी बार संप्रेक्षण गृह पहुंचा एक अपचारी अन्य अपचारियों पर रौब झाडऩे लगा था। अपना रौब दिखाने के लिए ही उसने नगर सैनिक पर हमला किया था। एक अपचारी मनोरोग अस्पताल में भर्ती, कहीं नशा इसका कारण तो नहीं बुधवार को एक अन्य अपचारी को निजी मनोरोग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
संप्रेक्षण गृह के अपचारी जेल में रहने वाले कैदी की तरह बर्ताव करते हैं। सबसे पुराना अपचारी संप्रेक्षण गृह में बॉस की भूमिका में रहता है। दो दिन पहले सबसे पुराने अपचारी की रिहाई हुई। इसके बाद चोरी के प्रकरण में तीसरी बार संप्रेक्षण गृह पहुंचा एक अपचारी अन्य अपचारियों पर रौब झाडऩे लगा था। अपना रौब दिखाने के लिए ही उसने नगर सैनिक पर हमला किया था। एक अपचारी मनोरोग अस्पताल में भर्ती, कहीं नशा इसका कारण तो नहीं बुधवार को एक अन्य अपचारी को निजी मनोरोग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मनोरोग विभाग में कराया था भर्ती
कपड़े उतार कर गाली गलौच करने पर संप्रेक्षण गृह के कर्मचारियों ने मंगलवार को अपचारी बालक को दुर्ग जिला चिकित्सालय पहुंचाया। डॉक्टरों ने अपचारी को सेक्टर ९ अस्पताल रेफर कर दिया। सेक्टर-९ अस्पताल के चिकित्सकों ने यह कहते हुए वहां से भी रेफर कर दिया कि यहां भर्ती की सुविधा नहीं है। इसके बाद अपचारी को सरकारी खर्च पर निजी मनोरोग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कपड़े उतार कर गाली गलौच करने पर संप्रेक्षण गृह के कर्मचारियों ने मंगलवार को अपचारी बालक को दुर्ग जिला चिकित्सालय पहुंचाया। डॉक्टरों ने अपचारी को सेक्टर ९ अस्पताल रेफर कर दिया। सेक्टर-९ अस्पताल के चिकित्सकों ने यह कहते हुए वहां से भी रेफर कर दिया कि यहां भर्ती की सुविधा नहीं है। इसके बाद अपचारी को सरकारी खर्च पर निजी मनोरोग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भागा बच्चा वापस लौटा
महिला एवं बाल संप्रेक्षणगृह के अधिकारियों का कहना है कि सोमवार की रात उपद्रव के दौरान एक अपचारी बालक भाग गया था। भागा अपचारी प्लेस ऑफ सेफ्टी का था। इसकी सूचना परिजनों व संबंधित थाना क्षेत्र को दी गई थी। पुलगांव पुलिस ने भागे हुए अपचारी को ढूंढ कर वापस संप्रेक्षणगृह पहुंचा दिया है।
महिला एवं बाल संप्रेक्षणगृह के अधिकारियों का कहना है कि सोमवार की रात उपद्रव के दौरान एक अपचारी बालक भाग गया था। भागा अपचारी प्लेस ऑफ सेफ्टी का था। इसकी सूचना परिजनों व संबंधित थाना क्षेत्र को दी गई थी। पुलगांव पुलिस ने भागे हुए अपचारी को ढूंढ कर वापस संप्रेक्षणगृह पहुंचा दिया है।
इसलिए मामला दबाने का कर रहे प्रयास
१. संप्रेक्षण गृह में अपचारियों का उपद्रव एक सप्ताह से चल रहा है। इसके बाद भी अधिकारियों ने इसे सहजता से लिया। उपद्रव पर ध्यान नहीं दिया।
२. नगर सैनिक पर हमला करने और बाल संप्रेक्षण गृह में दो गुटों में संघर्ष होने पर थाना में एफआइआर कराने के बजाय केवल रोजनामचा रिपोर्ट डलाया गया।
३. मामला खुलने पर जिला अस्पताल में भर्ती अपाचारी को सिर्फ बीमार बताया गया। अपचारी के मारपीट में घायल होने की बात छुपाई गई।
४. संप्रेक्षण गृह के केयर टेकर को हटाने क ी मुख्य वजह जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करना बताया गया। जबकि मुख्य कारण अपचारी बच्चे में नशे में होना पाया गया।
१. संप्रेक्षण गृह में अपचारियों का उपद्रव एक सप्ताह से चल रहा है। इसके बाद भी अधिकारियों ने इसे सहजता से लिया। उपद्रव पर ध्यान नहीं दिया।
२. नगर सैनिक पर हमला करने और बाल संप्रेक्षण गृह में दो गुटों में संघर्ष होने पर थाना में एफआइआर कराने के बजाय केवल रोजनामचा रिपोर्ट डलाया गया।
३. मामला खुलने पर जिला अस्पताल में भर्ती अपाचारी को सिर्फ बीमार बताया गया। अपचारी के मारपीट में घायल होने की बात छुपाई गई।
४. संप्रेक्षण गृह के केयर टेकर को हटाने क ी मुख्य वजह जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करना बताया गया। जबकि मुख्य कारण अपचारी बच्चे में नशे में होना पाया गया।
अपचारी को कर्मचारी बताने की कोशिश
जिला अस्पताल से इलाज के बाद बुधवार को दोपहर २ बजे अपचारी को डिस्चार्ज किया गया। इसे भी छुपाने की कोशिश की गई और झूठी बात फैलाई गई कि जिसे डिस्चार्ज किया गया गया वह संप्रेक्षण गृह का कर्मचारी है। कहा गया कि जो भर्ती था वह अपचारी नहीं कर्मचारी है।
जिला अस्पताल से इलाज के बाद बुधवार को दोपहर २ बजे अपचारी को डिस्चार्ज किया गया। इसे भी छुपाने की कोशिश की गई और झूठी बात फैलाई गई कि जिसे डिस्चार्ज किया गया गया वह संप्रेक्षण गृह का कर्मचारी है। कहा गया कि जो भर्ती था वह अपचारी नहीं कर्मचारी है।
हमले से सैनिक का सिर फूटा
जानकारी के मुताबिक सोमवार की रात जिला अस्पताल में भर्ती अपचारी ने शराब के नशे में धुत होकर नगर सैनिक पर हमला कर दिया। इस हमले में नगर सैनिक का सिर फट गया। सिर से खून बहने लगा। उसके सिर पर गंभीर चोट लगी थी। नगर सैनिक ने इसकी शिकायत दर्ज नहीं कराई। आखिर किसके कहने पर नगर सैनिक ने अपने साथ घटी घटना की शिकायत दर्ज नहीं कराई इसका किसी के जवाब नहीं है। इस घटना को देख अन्य अपचारियों ने नशे में धुत अपचारी की पिटाई कर दी। जिसमें नशे में धुत अपचारी घायल हो गया था।
जानकारी के मुताबिक सोमवार की रात जिला अस्पताल में भर्ती अपचारी ने शराब के नशे में धुत होकर नगर सैनिक पर हमला कर दिया। इस हमले में नगर सैनिक का सिर फट गया। सिर से खून बहने लगा। उसके सिर पर गंभीर चोट लगी थी। नगर सैनिक ने इसकी शिकायत दर्ज नहीं कराई। आखिर किसके कहने पर नगर सैनिक ने अपने साथ घटी घटना की शिकायत दर्ज नहीं कराई इसका किसी के जवाब नहीं है। इस घटना को देख अन्य अपचारियों ने नशे में धुत अपचारी की पिटाई कर दी। जिसमें नशे में धुत अपचारी घायल हो गया था।
सब मिलकर पिट रहे थे नशे में धुत अपचारी को
वर्ष २०१७ में बाल संप्रेक्षण गृह में एक अपचारी की हत्या हो चुकी है। अपचारियों ने मिलकर दो अपचारी बालकों की जमकर पिटाई की थी। जिसमें से एक अपचारी की जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। उस समय भी कुछ अपचारी शराब के नशे में धुत थे। जानकारी के मुताबिक सोमवार की रात हुई घटना भी उसी तरह की थी। बताते हैं कि अगर समय में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी संप्रेक्षण गृह नहीं पहुंचते तो नशे में धुत अपचारी की जान भी खतरे में पड़ जाती। क्योंकि अन्य अपचारी उसकी जमकर पिटाई कर रहे थे।
वर्ष २०१७ में बाल संप्रेक्षण गृह में एक अपचारी की हत्या हो चुकी है। अपचारियों ने मिलकर दो अपचारी बालकों की जमकर पिटाई की थी। जिसमें से एक अपचारी की जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। उस समय भी कुछ अपचारी शराब के नशे में धुत थे। जानकारी के मुताबिक सोमवार की रात हुई घटना भी उसी तरह की थी। बताते हैं कि अगर समय में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी संप्रेक्षण गृह नहीं पहुंचते तो नशे में धुत अपचारी की जान भी खतरे में पड़ जाती। क्योंकि अन्य अपचारी उसकी जमकर पिटाई कर रहे थे।
कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग गुरप्रीत कौर ने बताया कि जिस दिन उपद्रव की घटना हुई उस दिन मुलाकात का दिन था। शराब अपचारी बालक तक कैसी पहुंची यह जांच का विषय है। इसकी हम जांच कर रहे हैं। अगर इस घटना में किसी भी कर्मचारी का लिप्त होना पाया जाता है, तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिला अस्पताल के डॉक्टर आरके देवांगन ने बताया कि अपचारी बालक दो दिनों तक दुर्ग जिला अस्पताल में भर्ती था। केजुअल्टी में पहले निगरानी में रखा गया। स्थिति सामान्य होने पर उसे वार्डमें शिफ्ट किया गया। जब अपचारी को लाया गया तो वह शराब के नशे में था। उसके साथ मारपीट हुई थी।