scriptSDM ने लगाई धान बिक्री पर रोक, आहत किसान का ऐलान, नहीं मिला न्याय अब कलेक्टर के सुपुर्द करूंगा 64 क्विंटल धान | ban on the sale of paddy, angry farmer complained to the collector | Patrika News

SDM ने लगाई धान बिक्री पर रोक, आहत किसान का ऐलान, नहीं मिला न्याय अब कलेक्टर के सुपुर्द करूंगा 64 क्विंटल धान

locationदुर्गPublished: Jan 16, 2022 08:18:21 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

पारिवारिक विवाद में बिना पक्ष सुने धान बिक्र पर रोक लगाने से आहत पुरई के किसान ने अपने खेत की उपज 64 क्विंटल धान कलेक्टर के सुपुर्द कर देने का ऐलान किया है।

SDM ने लगाई धान बिक्री पर रोक, आहत किसान का ऐलान, नहीं मिला न्याय अब कलेक्टर के सुपुर्द करूंगा 64 क्विंटल धान

SDM ने लगाई धान बिक्री पर रोक, आहत किसान का ऐलान, नहीं मिला न्याय अब कलेक्टर के सुपुर्द करूंगा 64 क्विंटल धान

दुर्ग. पारिवारिक विवाद में बिना पक्ष सुने धान बिक्र पर रोक लगाने से आहत पुरई के किसान ने अपने खेत की उपज 64 क्विंटल धान कलेक्टर के सुपुर्द कर देने का ऐलान किया है। किसान का आरोप है कि हर साल इसी तरह फर्जी शिकायत के आधार पर बिना उसके पक्ष सुने धान बिक्री पर रोक लगा दी जाती है। इसके विरूद्ध उसे हर साल कानूनी लड़ाई और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाना पड़ता है। इस बार भी उसके धान की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में धान उसके लिए अनुपयोगी है, लिहाजा वह सोमवार को किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में 64 क्विंटल धान कलेक्टोरेट ले जाकर कलेक्टर के सुपुर्द कर देगा।
फर्द का हो चुका है बंटवारा
किसान बालाराम साहू ने बताया कि उसकी पुरई में पुश्तैनी जमीन है। जिसका फर्द बंटवारा हो चुका है लेकिन खाता अभी भी समिलात है। इस जमीन के अतिरिक्त उसके पास साढ़े 6 एकड़ जमीन है। जिस पर इस बार उसने धान की खेती की है। पारिवारिक जमीन विवाद के कारण उसके चाचा के लड़के हर बार धान बिक्री के समय इसी तरह फर्जी शिकायत करते हैं। इस पर जांच के बिना धान बिक्री पर रोक लगा दी जाती है। पिछली बार भी इसी तरह रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद स्थिति स्पष्ट करने व कई चक्कर लगाने के बाद तहसीलदार ने धान बिक्री की अनुमति दी थी। इस बार भी इसी तरह की शिकायत पर बिना उसके पक्ष सुने एसडीएम ने धान बिक्री पर रोक लगा दी है। जिससे वह आहत है।
टोकन को कर दिया निरस्त
बालाराम साहू ने बताया कि उसने धान बिक्री के लिए 16 दिसंबर का टोकन लिया था। इस बीच अचानक 14 दिसबर को एसडीएम ने उसके धान की बिक्री पर रोक लगा दी। धान बिक्री पर रोक लगाने के संबंध में उन्हें कोई भी ठोस वजह नहीं बताया जा रहा है। एसडीएम द्वारा केवल धान नहीं लेने की बात कही जा रही है।
95 हजार रुपए का है कर्ज
किसान बालाराम ने बताया कि जिस जमीन की धान खरीदी पर रोक लगाई गई है। उसी पर उसका समिति में 95 हजार रुपए कर्ज है। यदि खेती में कोई दिक्कत थी तो कर्ज पर भी रोक लगाया जाना चाहिए था। धान बिक्री के बिना वह कर्ज भी नहीं लौटा पाएगा। किसान का आरोप है कि शिकायतकर्ताओं से मिलीभगत कर उसे परेशान करने धान खरीदी पर रोक लगाई गई है।
किसानों के सामने होगा सुपुर्दनामा
किसान बालाराम साहू ने बताया कि उक्त परेशानी की जानकारी उन्होंने किसान संगठनों को भी दी है। संगठनों के नेताओं ने उन्हें धान बिक्री नहीं होने की स्थिति में कलेक्टर के सुपुर्द कर देने की सलाह दी है। इस पर अमल करते हुए किसान नेताओं की मौजूदगी में 17 जनवरी को धान कलेक्टोरेट में कलेक्टर के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो