scriptअंधड़ से केले की फसल तबाह, किसानों को 50 फीसदी नुकसान | Banana crop destroyed due to storm, 50 percent loss to farmers | Patrika News

अंधड़ से केले की फसल तबाह, किसानों को 50 फीसदी नुकसान

locationदुर्गPublished: May 19, 2022 08:34:09 pm

Submitted by:

Hemant Kapoor

अंधड़ ने जिले में केले की तैयार फसल को तबाह कर दिया है। एक दिन पहले तेज अंधड़ के कारण 50 फीसदी से ज्यादा पौधे जमीन पर गिर गए। इससे किसानों को कम से कम 50 फीसदी नुकसान की आशंका है। अंधड़ से सर्वाधिक नुकसान धमधा के किसानों को बताया जा रहा है।

अंधड़ से केले की फसल तबाह, किसानों को 50 फीसदी नुकसान

जिले में होती है हर साल 54 हजार मिटरिक टन केले की पैदावार

जिले में 1 लाख 19 हजार हेक्टेयर में खेती होती है। इनमें से उद्यानिकी फसलों का रकबा करीब 45 हजार हेक्टेयर है। उद्यानिकी फसलों में जिले में सर्वाधिक 33 हजार 895 हेक्टेयर में सब्जियों की खेती होती है। इसके बाद फलों का नंबर आता है। जिले में 6 हजार हेक्टेयर से ज्यादा में इस समय फलों की खेती हो रही है। इसमें 1890 हेक्टेयर यानी 4700 एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल केले का है। बीते सीजन में जिले में 53 हजार 832 मिटिरिक टन केले की पैदावार हुई थी।

अंधड़ में गिर गए आधे पेंड़
धमधा में केले और टमाटर के सबसे बड़े उत्पादक किसान जालम सिंह पटेल ने बताया कि एक दिन पहले आए अंधड़ औसत 50 फीसदी पेंड़ गिर गए हैं। केले के पेंड़ में एक ही बार फल आता है और गिर जाने पर दोबारा खड़ा नहीं किया जा सकता। अंधड़ से बचे पेड़ों के फल भी प्रभावित होंगे। जिसका थोक में 10 रुपए किलो मिलना भी मुश्किल है। पिछली बार 12 से 15 रुपए किलो तक मिले थे।

30 से 40 टन तक पैदावार
जिले में अत्याधुनिक खेती से केले की खेती होती है। इसमें एक एकड़ में करीब 1200 से 1300 पौधे लगाए जाते हैं। धमधा के ग्राम बोड़ेगांव में करीब 30 एकड़ में उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले कृषक रविप्रकाश बताते हैं कि केले के एक पौधे में कम से कम 25 से 35 किलो फल लगता है। इस तरह प्रति एकड़ पैदावार 30 से 35 टन प्रति एकड़ तक पैदावार निश्चित होती है।

इस तरह समझें किसानों के नुकसान को
जिले में औसत 53 हजार मिटरिक टन से ज्यादा केले की पैदावार होती है। थोक बाजार में इसकी औसत कीमत 10 रुपए किलो माने तो भी इससे करीब 53 करोड़ से ज्यादा का कारोबार होता है। किसानों के मुताबिक इनमें से 50 फीसदी भी नुकसान माना जाय तो इससे किसानों को 25 करोड़ से ज्यादा का नुकसान तय है।

पपीता के पेड़ों के भी गिरने की शिकायत
अंधड़ ने केवल केले ही नहीं बल्कि पपीते पर दूसरे उद्यानिकी फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है। कई जगहों पर पपीते के भी पेड़ गिरने की शिकायत है। इसकी तरह खेतों में पेड़ों के भी टूटने की शिकायत है। कृषक जालम सिंह ने बताया कि उनके इलाकों में सैकड़ों पेड़ों के साथ बिजली के खंबे और टीन शेड भी उड़ गए।
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