घटना की जानकारी मिलते ही दुर्ग कोतवाली टीआई भूषण एक्का और मोहन नगर टीआई जितेन्द्र वर्मा मौके पर पहुंचे। मामले की तहकीकात की तो घटना सही मिली। इसके बाद आरोपियों की तलाश में जुट गए। रास्ते के 12 सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। बैंक के आस पास तीन सीसीटीवी कैमरे में नकाबपोश कैद हुए हैं। आरोपी घटना को अंजाम देकर ग्रीन चौक से स्टेशन की तरफ भागे हैं।
पुलिस के मुताबिक पोलसायपारा दुर्ग कोतवाली थाना में आता है। जहां पर नकाबपोशों ने क्लर्क के साथ लूट की घटना को अंजाम दिया। जबकि मोहन नगर थाना क्षेत्र में इंडियन बैंक स्थित है। जहां से कल्र्क ने रुपए निकला था। इस वजह से पहले पुलिस थाना सीमाओं में भी उलझी। अंतत: मामले में जांच शुरू हुई। मोहन नगर पुलिस ने मामले में धारा 394, 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
पुलिस के मुताबिक लूट की वारदात को अंजाम देने वाला गिरोह बाहरी है। उत्तर प्रदेश और बिहार के आरोपी हो सकते है, जो इस तरह की घटना को अंजाम देते है। इनका लोकल कनेक्शन बहुत तगड़ा होता है। उसी के आधार पर घटना को अंजाम देकर दूसरे शहर में निकल जाते है। अक्सर गिरोह के लोग त्योहारी सीजन में अपनी सक्रियता को बढ़ाते हैं। छोटे बैंकों को निशाना बनाकर लूट की वारदात को अंजाम देते है। पुलिस का कहना है कि यदि इस गिरोह को जल्द नहीं पकड़ा गया तो यह दूसरे शहरों में भी लूट की घटना को अंजाम दे सकते हंै।
बिना सुरक्षा के एक जहग से दूसरी जगह कैश ले जाना बैक नियमों के खिलाफ और गैर कानूनी कृत्य है। इससे ऐसा करने से साफ जाहिर होता है कि बैंक द्वारा कैश की सुरक्षा को लेकर घोर लापरवाही बरती जा रही है। इस लूट में बैंक से जुड़े किसी की भूमिका तो नहीं है इस बिंदू पर भी पुलिस जांच कर रही है।
इंडियन बैंक की छोटी शाखाओं का कलेक्शन हर दिन शाम को दुर्ग की मुख्य ब्रांच में जमा किया जता है। दूसरे दिन सुबह वही कैश बैंक कर्मचारियों द्वारा अपने-अपने ब्रांच ले जाया जाता है। कसारीडीह ब्रांच के हेड कलर्क राहुल चौहान भी इसी तरह अपने ब्रांच का पैसा लेने हर दिन मुख्य ब्रांच जाता था। इतनी मात्रा में कैश ले जाने के लिए वह स्कूटी के डिक्की का उपयोग करता था। बैंक अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि 10-15 लाख रुपए कैश तो ऐसे ही ले जाते हैं। इसके पहले कभी ऐसी घटनी नहीं हुई है। पुलिस ने राहुल समेत बैंक अधिकारियों को बुलाया तो उनके चेहरे पर इस घटना को लेकर उनके चेहरे पर जरा भी शिकन नहीं था। बैंक अधिकारियों को तहां तक कहते सुना गया कि आरोपी नहीं मिले तो उन्हें इश्योरेंश से क्लेम की रकम मिल जाएगी।
मोहन नगर क्षेत्र को छोड़ कर कई आरोपी दूसरे इलाके में किराए पर रह रहे गौरतलब है कि मोहन नगर और दुर्ग कोतवाली क्षेत्र के कई अपराधी अपना क्षेत्र छोड़ दिए है। दूसरे क्षेत्रों में किराए के मकान लेकर रहने लगे है। ऐसा संभव हो सकता है कि बाहर से लुटेरों को बुलाकर वारदात को अंजाम दे सकते है। इस दिशा में पुलिस जांच कर रही है।
जब बैक के अधिकारियों से लूट के संबंध में पूछताछ की गई तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से मना कर दिया। इंडियन बैंक के वरिष्ठ महा प्रबंधक मोजेस प्रदीप सिंह का मीडिया से यह कहना था कि इस मामले में उच्च अधिकारियों से सवाल जवाब करिए। वह कुछ भी नहीं बोल सकते।
दुर्ग पुलिस लगातार बेस्ट पुलिसिंग की बात कर रही है। जबकि अपराधी चुनौती दे रहे है। बंदूक की नोक पर दिनदहाड़े लूट की वारदात पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और मुस्तैदी पर सवालिया निशान खड़ा करता है। लूटेरों के बाइक नम्बर 0724 है। लूट के शिकार क्लर्क के स्कूटर का नंबर सीजी-07,एएस-1145 है जिसे लूटेरे लेकर फरार हुए हैं।
संजय ध्रुव, एएसपी शहर ने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है। इसके लिए आठ टीम बनाई गई है। सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल लोकेशन, जेल से छूटने वाले अपराधियों की मौजूदगी, गाडिय़ों की डिटेल समेत अन्य टॉस्क पर टीम जांच कर रही है। आरोपी जल्द पकड़ लिए जाएंगे।