script5 महीने में दूसरी बार ग्रीन कॉरिडोर, जान बचाने भिलाई से माना 130 किमी की रफ्तार से दौड़ी एंबुलेंस | Bhilai:Green Corridor second time in five months, saving the lives of Bhilai ambulances rushed to the perceived speed of 130 km | Patrika News
दुर्ग

5 महीने में दूसरी बार ग्रीन कॉरिडोर, जान बचाने भिलाई से माना 130 किमी की रफ्तार से दौड़ी एंबुलेंस

एबुलेंस बुधवार को सड़क दुर्घटना में घायल आयुष खंडेलवाल को दिल्ली स्थित वेदांता हॉस्पिटल पहुंचाने रायपुर एयरपोर्ट ले जा रही थी। वहां एयर एंबुलेंस पहले से तैयार खड़ी थी।

दुर्गJan 07, 2017 / 11:02 am

Satya Narayan Shukla

Green Corridor second time in five months, saving

Green Corridor second time in five months, saving the lives of Bhilai ambulances rushed to the perceived speed of 130 km

निर्मल साहू, बीरेंद्र शर्मा@भिलाई.शुक्रवार को दोपहर नेहरू नगर से कुम्हारी तक पूरी जीई रोड एकाएक सूनी हो गई। राजनांदगांव की ओर से आने वाली सभी बड़ी गाडिय़ां शहर में प्रवेश करने से पहले ही आउटर में बायपास पर रोक दी गई। फोरलेन के सभी चौराहों पर रायपुर की ओर जाने के लिए सिग्रल ग्रीन कर बाकी तरफ से गाडिय़ों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गर्इं। दोपहर 12.20 से 1.30 मिनट तक पूरी सड़क खाली थी। ट्रैफिक पुलिस की पायलेङ्क्षटंग में सिर्फ एक एंबुलेंस फर्राटे से दौड़ रही थी। यह एबुलेंस बुधवार को सड़क दुर्घटना में घायल आयुष खंडेलवाल को दिल्ली स्थित वेदांता हॉस्पिटल पहुंचाने रायपुर एयरपोर्ट ले जा रही थी। वहां एयर एंबुलेंस पहले से तैयार खड़ी थी।
 saving the lives of Bhilai ambulances rushed to the perceived speed of 130 km

ब्रेन इंजुरी और दोनों हाथ फ्रैक्चर
आयुष को वेदांता हॉस्पिटल ले जाने ट्रामा एंबुलेंस आने की सूचना मिलते ही अपोलो अस्पताल के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ भी तैयारी में जुट गए थे। चंूकि आयुष को ब्रेन इंजुरी और दोनों हाथ फ्रैक्चर है, उन्हें जरा भी धक्का न लगे इसके लिए उनकी पूरी बंडलिंग की गई। किसी भी मरीज को आईसीयू वेंटिलेंटर से एंबुलेंस वेंटिलेंटर में शिफ्ट करना बहुुत ही क्रिटिकल होता है। अपोलो और वेदांता अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने पूरी सतर्कता और सजगता के साथ मात्र पांच मिनट में ही आईसीयू से एंबुलेंस के वेंटिलेटर में आयुष को सिंक्रोनाइज कर दिया।

ट्रैफिक नियंत्रित करने 38 जवान
इस दौरान नार्मल ब्रीथिंग के लिए इंबु बैग (बैलून) से वेंटिलेट कराया गया। अपोलो के डायरेक्टर डॉ. एपी सांवत के मार्गदर्शन आईसीयू इंचार्ज डॉ.के दासगुप्ता(क्रिटिकल केयर फेलोशिप), न्यूरो सर्जन लवलेश राठौर, कार्डियोलॉजिसट डॉ. निशांत चंदेल, आर्थोपेडिस्ट डॉ. पंकज द्विवेदी, फिजिशियन डॉ. अर्पण जैन, अन्य डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ ने इसमें अपनी भूमिका निभाई। नेहरू नगर से जिले की सीमा कुम्हारी तक ट्रैफिक नियंत्रित करने 38 जवान तैनात थे। इसके अलावा थानों की पेट्रोलिंग टीम भी अपने-अपने सीमा क्षेत्र में रोड क्लियर रखने में लगी हुई थी।

42 जवान लगे रहे रोड क्लियर करने में

डीएसपी ट्रैफिक सतीश कुमार ठाकुर एंबुलेंस के आगे-आगे ख्ुाद चलते हुए ग्रीन कॉरिडोर की मॉनिटरिंग कर रहे थे। मॉडल टाउन हनुमान मंदिर के सामने चौक, केपीएस तिराहा, नेहरू नगर चौक, कोसानाला मिडिल कट, सुपेला चौक, पॉवर हाउस ओवरब्रिज चौक, खुर्सीपार के दोनों तिराहा से लेकर भिलाई-तीन, चरोदा और कुम्हारी तक सभी चौराहों और मिडिल कट्स पर वाहनों की आवाजाही नियंत्रित की गई। दुर्ग जिला सीमा पार करते ही कुम्हारी के बाद टै्रफिक डीएसपी रायपुर राकेश बघेल इसी तरह अपने क्षेत्र में रास्ता क्लियर रखे हुए थे। वहां से रायपुर माना एयरपोर्ट ले गए। राजनांदगांव के आयुष खंडेलवाल, वासु चौधरी, श्रेणिक जैन, श्रेया खंडेलवाल और रिदम जैन 4 जनवरी को भिलाई की ओर आ रहे थे।

बायपास मोड़ पर कार अनियंत्रित हो गई

लगभग 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही उनकी कार बायपास के मोड़ पर अनियंत्रित हो गई और कई बार पलटती हुई चौहान टाउन की बाउंड्रीवॉल से जा टकराई। हादसे में चौहान टाउन के गार्ड मंगलूराम यादव की दीवार के मलमे में दबने से मौत हो गई। वहीं कार में सामने बैठी श्रेया ने भी दम तोड़ दिया था। लगभग छह महीने में यह दूसरी बार है जब शहर ग्रीन कॉरिडेार में तब्दील रहा। इससे पहले 25 जुलाई को नेहरू नगर चौक पर ट्रक की चपेट में घायल आकांक्षा सोनी को दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल पहुंचाने इसी तहर ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर की पहल पर आकांक्षा को ले जाने के लिए सेना की एयर एंबुलेंस आई थी। आयुष को ले जाने वेदांता हॉस्पिटल दिल्ली के दो डॉक्टर और वेंटिलेटर टेक्रीशियन खुद आए थे। टीम में आईसीयू के डॉक्टर विकास और एक केजुअल्टी एक्सपर्ट थी। यहां अपोलो में आयुष की शिफ्टिंग की पूरी व्यवस्था उन्होंने खुद अपने हाथों से की।

छाती व सिर में गंभीर चोट

मल्टीपल बेल्ट से आयुष को इस तरह से बांधा गया कि शरीर को कोई भी हिस्सा हिले नहीं। हादसे में घायल वासु और रिदम को अपोलो हॉस्पिटल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम में रखा गया है। दोनों के सिर व छाती में गंभीर चोट है। उनके लंग्स भी फट गए हैं। चेस्ट ट्यूब डाला गया है। वासु की गर्दन के पास रीढ़ की हड्डी टूट गई है। दोनों पैर भी फ्रैक्चर है। उनकी इमरजेंसी ब्रेन सर्जरी भी करना पड़ी है। रिदम के कमर की हड्डी टूट गई है। वहीं एक अन्य युवक श्रेणिक का दूसरे निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। विनोद चौहान- डीएसपी टै्रफिक के वाहन में सामने बैठे आरक्षक विनोद नेहरू नगर से कुम्हारी तक पूरे रास्ते भर एनाउंस करते हुए रास्ता क्लियर करवा रहे थे। खिलावन मारकंडेय- डीएसपी टै्रफिक का वाहन चला रहे खिलावन पूरी सतर्कता और सजगता के साथ पायलेटिंग की जवाबदारी निभाई।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो