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भिलाई निगम में नया घोटाला, गैरेज में खड़ी गाडिय़ां पी गईं सैकड़ों लीटर डीजल

locationदुर्गPublished: Jul 12, 2018 02:32:45 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

गैरेज में खड़ी गाडिय़ां सैकड़ों लीटर डीजल पी गईं। वैशाली नगर, मदर टेरेसा, रिसाली और वीर शिवाजी नगर जोन में कचरा परिवहन करने 8 गाडिय़ां है।

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भिलाई निगम में नया घोटाला, गैरेज में खड़ी गाडिय़ां पी गईं सैकड़ों लीटर डीजल

भिलाई . निगम में एक और नया घोटाला सामने आया है। गैरेज में खड़ी गाडिय़ां सैकड़ों लीटर डीजल पी गईं। वैशाली नगर, मदर टेरेसा, रिसाली और वीर शिवाजी नगर जोन में कचरा परिवहन करने 8 गाडिय़ां है। जो सर्विसिंग और मेंटनेंस के लिए शहर और शहर से बाहर के गैरेज में कई दिनों तक खड़ी रहीं। बावजूद उन गाडिय़ों के नंबर पर 10-15 लीटर डीजल के हिसाब से टोकन जारी किया गया।
बकायदा बिल वाउचर भी प्रस्तुत किया गया है। अब तक जांच में जो बातें सामने आई है उसके मुताबिक ऑटो, कम्पैक्टर और बैकहो लोडर है। इन गाडिय़ों २०१६-१७ में सर्विसिंग और मेंटनेंस के लिए गैरेज भेजा गया था। फिर भी इनके नंबर पर पेट्रोल पंप के नाम से टोकन जारी किया गया है।
गैरेज संचालकों को लिखा पत्र
निगम प्रशासन ने रायपुर, दुर्ग और भिलाई के गैरेज संचालकों को पत्र लिखा है। निगम से सर्विसिंग और मेंटनेंस के लिए आने वाली गाडिय़ों का नंबर सहित जानकारी मांगी है। साथ ही यह भी पूछा गया है कि गाडिय़ां कब आई। कितने दिनों तक गैरेज में खड़ी रही। मेंटनेंस के बाद गैरेज से गाड़ी कब निकली।
खपत में कमी से हुई गड़बड़ी की आशंका
डीजल की खपत में १००० लीटर कमी की जांच का विषय बनी। वजह जानने जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने २०१६-१७ के बिल वाउचर की जांच की, तब यह बात सामने आई कि २०१६ में कम्पैक्टर, ऑटो, बैकहो लोडर, मेंटनेंस और सर्विसिंग के लिए गैरेज में दिनों तक खड़ी थी। उन गाडिय़ों के नंबर पर भी डीजल का टोकन जारी किया गया है।
दरअसल में २०१६ -१७ में वैशाली नगर जोन में कुल ३२ गाडिय़ां कचरा परिवहन के लिए इस्तेमाल किया गया। तब माहभर में ९८८२ लीटर डीजल की खपत हुई। जबकि मई २०१७-१८ में ही ३३ वाहनों का इस्तेमाल किया गया। तब ८२४७ लीटर डीजल खपत हुई है। एक वाहन की संख्या बढऩे के बाद एक हजार लीटर से अधिक डीजल की कमी ही जांच का विषय बना।
गाडिय़ों का नंबर भी सही नहीं
किवार से अधिग्रहित किए गए वाहनों का निगम के पास दस्तावेज भी नहीं है। आरटीओ में वाहनों का पंजीयन नहीं है। पुरानी मोटर सायकल और कार के नंबर वाहनों पर लिखा गया है। ऑटो बिना नंबर के चल रहा है। इनकी शिकायत भी गई। बावजूद निगम प्रशासन ऐसे वाहनों से कचरा परिवहन का काम ले रही है। प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि दस्तावेज की जांच चल रही है। जांच में जो भी गड़बडिय़ां सामने आएगी उसका साक्ष्य जुटाया जाएगा। फिर प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा।
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