भाजपा संगठन के दूसरे चरण में मंडल अध्यक्षों के चुनाव कराए जा रहे हैं। एक दिन पहले सिकोलाभाठा-पटरीपार मंडल में भी मंडल अध्यक्ष के चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई गई थी। पार्टी आलाकमान के निर्देश के मुताबिक यहां सर्वसम्मति से चुनाव कराने के लिए चुनाव अधिकारी वरिष्ठ भाजपा नेता कांतिलाल बोथरा, पर्यवेक्षक के रूप में पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना व महापौर चंद्रिका चंद्राकर भी मौजूद थे।
मंडल अध्यक्ष के लिए मनमोहन शर्मा, नरेश तेजवानी, दिलीप साहू, लुकेश बेलचंदन ने दावेदारी प्रस्तुत की थी। वरिष्ठ नेता पूर्व की तरह चारों दावेदारों को एक साथ बैठाकर किसी एक नाम पर सहमति के पक्ष में थे, लेकिन शर्मा के समर्थन में उपस्थित कार्यकर्ता बहुमत के आधार पर चुनाव पर अड़ गए। इस बात को लेकर सभी पक्षों ने शोर शराबा शुरू कर दिया।
बताया जाता है कि इसी दौरान किसी ने चुनाव अधिकारी कांतिलाल बोथरा से धक्का-मुक्की कर दी। इसके बाद विवाद बढ़ गया और चुनाव टालनी पड़ी। मीडिया प्रभारी भाजपा सतीश समर्थ ने बताया कि भाजपा एक बड़ी पार्टी है। चुनाव में दावेदारी का अधिकार सभी कार्यकर्ताओं को है। वरिष्ठ नेता आम सहमति बनाने का प्रयास करते हैं। इसे गुटबाजी कहना उचित नहीं।
गुटबाजी के चलते शनिवार को धमधा मंडल अध्यक्ष का भी चुनाव नहीं हो पाया। यहां एक दो नहीं बल्कि 21 दावेदारों के नाम सामने आए। जिसके चलते समन्वय नहीं बन पाया, इसलिए अब सिकोलाभाठा-पटरीपार की तरह यहां के अध्यक्ष का भी फैसला जिला स्तरीय कमेटी में किया जाएगा। इसके अलावा रविवार को गंजपारा, जेवरा-सिरसा, लिटिया-बोरी, उतई व पाटन दक्षिणके मंडल अध्यक्ष का चुनाव होगा।