दिवंगत कांग्रेस नेता व सहकारिता को नई दिशा देने वाले दाऊ प्यारेलाल बेलचंदन के भतीजे प्रीतपाल ने चाचा का साथ और कांग्रेस छोड़कर वर्ष 1997 में भाजपा में प्रवेश कर लिया था। वर्ष 1997 में तात्कालिन जिला भाजपा अध्यक्ष व पूर्व मंत्री दिवंगत हेमचंद यादव ने उन्हें भाजपा में प्रवेश कराया था। तब से वे लगातार पार्टी में सक्रिय थे। भाजपा ने उन्हें दुर्ग ग्रामीण से विस चुनाव में भी उतारा था, लेकिन वे पराजित हो गए थे। पूर्व मंत्री हेमचंद यादव के निधन के बाद वे हासिए पर चले गए थे। बेलचंदन 1997 में पहली बार बैंक में संचालक बनकर आए थे।
बेलचंदन के भाजपा छोडऩे का जिले का राजनीतिक समीकरण पर गहरा असर हो सकता है। दरअसल वे सांसद विजय बघेल के बेहद करीबी और सांसद सरोज पांडेय के धूर विरोधी माने जाते हैं। भाजपा छोडऩे से उनकी सांसद बघेल से दूरी बढ़ सकती है। वहीं बेलचंदन की सहकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले नेताओं, किसानों और समितियों के बीच अच्छी पैठ है। उनके पार्टी छोडऩे से भाजपा को नुकसान हो सकता है।
भाजपा से इस्तीफे के बाद अगला राजनीतिक कदम क्या होगा, बेलचंदन ने अभी स्पष्ट नहीं किया है। पूछे जाने पर उन्होंने फिलहाल कांग्रेस में प्रवेश की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया है, लेकिन सीएम भूपेश बघेल से किसी तरह की चर्चा के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा कि भाजपा छोडऩे और आगे की रणनीति पर वे जल्द मीडिया के साथ बात करेंगे। अध्यक्ष, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग, प्रीतपाल बेलचंदन ने बताया कि मैंने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
प्रदेश में भाजपा के रमन सरकार की विदाई के बाद से बेलचंदन के पार्टी से मोहभंग होने व अन्य पार्टी में चले जाने को कयास लगाए जाते रहे हैं। पिछले साल सहकारिता दिवस पर किसानों को लाभांश बांटने के लिए सीएम भूपेश बघेल को अतिथि बनाए जाने की घोषणा के बाद उनका कांग्रेस प्रवेश तय माना जा रहा था, लेकिन बाद में भी किसी वजह से सीएम भूपेश बघेल का कार्यक्रम में आना टल गया था।