नंदिनी खदान को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए टारगेट 5 लाख टन लाइम स्टोन खनन करने दिया गया था। नंदिनी प्रबंधन ने इसके एवज में 4,20,660 टन लाइम स्टोन खनन किया। 3 लाख 23 हजार टन लाइम स्टोन क्रेशिंग करके निकाले।
नंदिनी खदान से पिछले वित्त वर्ष में 3,21,683 टन लाइम स्टोन डिस्पेच किया गया। इस तरह से 84. 65 फीसदी लाइम स्टोन डिस्पेच किया गया। इसमें विशेषता यह रही कि गुणवत्ता में सुधार की दिशा में ठोस पहल प्रबंधन की ओर से किया गया है।
सेल व बीएसपी प्रबंधन ने नंदिनी खदान को इस वित्त वर्ष के एनवल बिजनेस प्लान 2019-20 के लिए 4.60 लाख टन लाइम स्टोन खनन करने का टारगेट दिया है। यह टारगेट पिछले साल की तुलना में कम नजर आ रहा है, लेकिन प्रबंधन ने इतने उत्पादन में 3.68 लाख टन लाइम स्टोन डिस्पेच करने कहा है। जिससे साफ है कि कम लेकिन गुणवत्ता को ध्यान में रखकर उत्पादन करना है।
प्रबंधन के मुताबिक पिछले साल की तुलना में सिलका की मात्रा में सुधार आ रहा है। पहले सिलका 6.8 फीसदी लाइम स्टोन में मिल रहा था। अब घटकर 6.3 फीसदी हो गया है। इसे और घटा कर 6 फीसदी करने की योजना है। नंदिनी खदान प्रबंधन इस दिशा में काम कर रहा है।
नंदिनी खदान में डीजीएम वीबी सिंह आने के बाद दो डंफर नए बीएसपी प्रबंधन ने खरीदा है। इसकी क्षमता 60 टन की है। इसके अलावा ड्रीलिंग मशीन भी जल्द आने वाली है। इस तरह प्रबंधन का पूरा फोकस स्थानीय खदान से गुणवत्ता वाले लाइम स्टोन का उत्पादन करना है।
टारगेट को पूरा करने में जुटे हैं कार्मिक
नंदिनी खदान के कार्मिक नए वित्त वर्ष के लिए जो टारगेट मिला है, उसे पूरा करने में जुट गए हैं। लाइम स्टोन की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है।
उमेश कुमार मिश्रा, अध्यक्ष, इंटक, नंदिनी खदान