ज्ञापन सौंपने के दौरान बसपा नेताओं ने कहा कि पिछले चुनाव में राज्य की सरकार काफी लोक लुभावने वादे कर सत्ता में आई थी। सरकार को बने 3 साल हो गए है, लेकिन वादे पूरे नहीं हुए। पूर्ण शराबबंदी, बेरोजगारों को 2500 मासिक भत्ता, संविदा नियुक्ति बंद करने, आउट सोर्सिंग बंद करने, अनुसूचित जातियों का 16 प्रतिशत आरक्षण, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमितिकरण, पांचवी अनुसूची पेशा कानून का पालन, आरक्षित खाली पदों पर भर्ती, जेलों में बंदनिर्दोष आदिवासियों की रिहाई जैसे वादे शामिल है। इन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। ज्ञापन सौंपने वालों में जिला जोन प्रभारी दीपक चंद्राकर, जिला अध्यक्ष लोकेश महलवार, विधानसभा अध्यक्ष सचिन गवई, संतु प्रसाद यादव, अश्वनी साहू, सागर सेन, देव आनंद कुंभकार, व्यास नारायण कुर्रे, पहलाद वाहने, बंटी चौरे, फिरोज सिद्दीकी, राजेंद्र बघेल, संतोष बंजारे, शेखर नेताम शामिल थे।
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दुर्ग में केंद्र के तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर 15 माह से आंदोलन करने वाले किसान संगठनों के संयुक्त राष्ट्रीय किसान मोर्चा और चार लेबर कोड के खिलाफ आंदोलन करने वाले ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मोर्चा ने संयुक्त रूप से 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। भारत बंद को दुर्ग में सफल बनाने छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन और विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने 27 सितंबर को दुर्ग बंद कराने और संयुक्त रैली का निर्णय किया है। रैली के माध्यम से व्यापारियों से बंद को समर्थन देने की अपील की जाएगी। संयुक्त रैली में शामिल होने वाले किसान और मजदूर 11 बजे तक गांधी की प्रतिमा के पास इक_ा होंगे। इसके पूर्व ट्रेड यूनियनों द्वारा 7.30 बजे से 9.30 बजे तक भिलाई के इक्यूपमेंट चौक पर चार लेबर कोड के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के राजकुमार गुप्त, आईके वर्मा, झबेंद्र भूषण वैष्णव, पुरूषोत्तम बाघेला, उत्तम चंद्राकर, परमानंद यादव, हेमू साहू, बाबूलाल साहू, बद्रीप्रसाद पारकर, बंशीलाल देवांगन, मेघराज मढ़रिया, प्रेम दिल्लीवार, यीशू साहू, सीटू के एसपी डे, एटक के विनोद सोनी, एक्टू के श्यामलाल साहू, लोकतांत्रिक इस्पात मजदूर यूनियन के सुरेंद्र मोहंती ने व्यापारियों से बंद में सहयोग की अपील की है।