पत्रिका ने बच्चियों की खरीद-फरोख्त मामले का सबसे पहले शनिवार को प्रकाशन किया। खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन हरकत में आया। शनिवार को महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड लाइन और मोहन नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने उरला अटल आवास में किन्नर के निवास में दबिश दी। पुलिस ने खुशबू किन्नर को हिरासत में लिया और चार साल की मासूम को उसके कब्जे से मुक्त कराया। रेस्क्यू के बाद इस मामले में तीन घंटे तक जांच चली। टीम में शामिल व्यक्तियों का बयान दर्ज किया गया। मासूम की काउंसलिंग कराया गया। इसके बाद जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज सिन्हा ने अपना प्रतिवेदन पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को सौंप दिया। प्रतिवेदन में स्पष्ट किया है कि मासूम की मां संध्या वर्मा और किन्नर खुशबू खान ने आपस में मिलकर बच्ची का सौदा कर खरीदी बिक्री की है।
संयुक्त टीम ने दोपहर 2 बजे दबिश दी। तब मासूम बच्ची खुशबू किन्नर के घर के बरामदे में खेल रही थी। किन्नर घर में नहीं थी। पूछताछ में पता चला कि किन्नर कुछ मिनट पहले ही शहर की ओर निकली है। इसके बाद पुलिस ने किन्नर को वापस बुलाया और उसे हिरासत में लेने के बाद मासूम को महिला एवं बाल विकास विभाग के हवाले किया। बच्ची से पूछताछ में उसे जबरदस्ती किन्नर द्वारा रखे जाने की बात स्पष्ट होने पर मासूम को मातृछाया बोरसी में रखा गया। इस मामले में शुरूआत में अधिकारियों की गैरजिम्मेदाराना रवैया भी सामने आया। शुक्रवार शाम को सामाजिक कार्यकर्ता ज्वाला अग्रवाल ने एडीएम के समक्ष इस मामले की शिकायत की थी। शनिवार को दोपहर तक कार्रवाई में हीलाहवाला की सूचना मिलने पर एडीएम संजय अग्रवाल ने जमकर फटकार लगाई। अधिकारियों ने टीम बनाकर रेस्क्यू किया।
इस मामले में मोहन नगर पुलिस ने मासूम की मां भिलाई निवासी संध्या वर्मा और किन्नर खुशबू खान दोनों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। मासूम से मारपीट क रने की धारा 323 के अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा 8, 9 एन व 10 के साथ ही जेजे एक्ट की धारा 75,79 व 80 के तहत एफआइआर दर्ज किया गया है।
काउंसलिंग के दौरान मासूम ने बताया कि उसके पिता की मौत हो चुकी है। वे तीन भाई और तीन बहने हैं। दो बहन छोटी है। उन्हें दादा दादी ने अपने पास रखा है। मासूम ने बताया कि किन्नर उसे शुक्रवार को अपने साथ ले गई थी। वह उसके साथ जाना नहीं चाहती थी, लेकिन किन्नर ने उसे जबरदस्ती साथ ले गई।
खास बात यह है कि खुशबू किन्नर दुर्ग निगम चुनाव में महापौर और शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रत्याशी रह चुकी है। वर्ष 2016 में किन्नर पर एक अन्य मासूम को जबरदस्ती अपने पास रखने का आरोप लगा था। कानूनी लडऩे के बाद शहर के एक परिवार ने किन्नर के कब्जे से मासूम को मुक्त कराकर मातृछाया से विधिवत गोदनामा में लिया। तब खुशबू का कहना था कि वह मासूम को रायपुर स्टेशन से लाई थी। बाद में उसने अपना बयान कई बार बदला।
मासूम को महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी के निर्देश पर मातृछाया में रखा गया है। मासूम को विधिवत सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इस मामले में सीडब्ल्यूसी को ही निर्णय लेना है कि मासूम कहां रहेगी। सीडब्ल्यूसी न्यायालय सप्ताह में दो दिन मंगलवार व गुरुवार को ही सुनवाई करता है।
मासूम की मां अधिकांश समय शराब के नशे में रहती है। रेस्क्यू के बाद भी वह तहसील कार्यालय के पास शराब के नशे में धुत थी। इस गंभीर मामले में सीडब्ल्यूसी मासूम की मां का भी बयान दर्ज करेगी।
शुक्रवार दोपहर 3.10 बजे
किन्नर मासूम को ले जाने तहसील कार्यालय पहुंची। जहां मासूम को घसीटते हुए किन्नर ले जाने लगी। इसे देख सड़क पर भीड़ लग गई थी। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ।
मासूम को ले जाते समय किन्नर ने भीड़ के सामने गोदनामा का दस्तावेज पास होने का दावा करते हुए 100 रुपए का स्टाम्प पेपर दिखाया। इस स्टाम्प पेपर को देखने के बाद लोगों को संदेह हुआ और शिकायत करने का निर्णय लिया।
आरटीई कार्यकर्ता ज्वाला अंग्रवाल ने एडीएम के समक्ष एक पीडि़त बनकर खड़ा हुआ। उनकी शिकायत पर ही एडीएम ने महिला एवं बाल विकास विभाग को रेस्क्यू करने करने के आदेश दिए। शनिवार सुबह-10 बजे
किसी तरह की कार्रवाही नहीं होने पर सभापति राजकुमार नारायणी, पार्षद कन्या व शकुन ढीमर ने पुलिस से संपर्ककी।वहीं शिकायतकर्ताने कार्यालय खुलते ही एडीएम से संपर्ककिया।
एडीएम संजय अग्रवाल की फटकार के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने चाइल्ड लाइन और मोहन नगर पुलिस की संयुक्त टीम तैयार कर रेस्क्यू करने का निर्णय लिया। शनिवार दोपहर 2 बजे
संयुक्त टीम ने उरला में दबिश दी। इस दौरान पार्षद शकुन ढीमर भी साथ में थी। रेस्क्यू कर टीम ने मासूम को किन्नर के कब्जे से लेकर उसे मातृछाया पहुंचाया। चाइल्ड लाइन की टीम लीडर भारती चौबे ने बताया कि मामला बच्चे से संबंधित है इसलिए उसे सीडब्ल्यूसी में काउंसलिंग कराई। स्टाम्प में किसी तरह का गोदनामा अवैध है,गैरकानूनी है। इसलिए हमने मोहन नगर थाना में किन्नर के खिलाफ कार्रवाई करने लिखित आवेदन दिया है। टीआई मोहन नगर राजेश बागड़े ने बताया कि चाइल्ड लाइन की भारती चौबे व महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी मनोज सिन्हा दोनों ने लिखित आवेदन दिया था। बच्ची क ा सौदा करना पाया गया है। बच्ची की मां और किन्नर ने आपस में लेनदेन किया है। दोनों को आरोपी बनाया गया है।