अभी भी महंगा बिक रहा सीमेंट
फरवरी मार्च में परिवहन व्यवस्था ठप्प हो जाने के कारण सीमेंट की जबरदस्त कमी की स्थिति रही। इससे पहले सीमेंट 240 से 260 रुपए में बिक रही थी। संकट का हवाला देकर 370 रुपए तक बेचा गया। इसके बाद परिवहन व्यवस्था सुधरने से बाजार पिछली स्थिति में लौट गई थी, लेकिन बाद में डीजल के नाम पर कीमत 340 रुपए तक बढ़ाई गई। अब डीजल के कीमत कम होने पर 300 रुपए तक कीमत उतरी है, लेकिन पुरानी कीमत के लिहाज से सीमेंट अब भी महंगा बिक रहा है।
मार्च में 55 रुपए किलो था सरिया
डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर सर्वाधिक सरिया की कीमत पर रहा। मार्च में सरिया 55 रुपए किलो की दर से मिल रहा था। अप्रैल में इसकी कीमत 78 रुपए तक हो गई। मई में यह 85 रुपए किलो तक बिका। अब इसकी कीमत 62 रुपए उतरा है। सरिया की कीमत मार्च के हिसाब से अब भी 7 रुपए ज्यादा है। शेष बिल्डिंग मटेरियल की कीमत में अब भी कटौती का इंतजार है।
आगे भी रेट कम होने के आसार
बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई के कारोबार से जुड़े व्यवसायी राजेंद्र बल्लू राय ने बताया कि डीजल की कीमत में कटौती के बाद सरिया और सीमेंट की कीमत में कमी आई है। डिमांड कम होने से आने वाले दिनों में रेट में और भी कमी हो सकती है। शेष बिल्डिंग मटेरियल की कीमतों में खास फर्क नहीं पड़ा है। स्थानीय स्तर पर मिलने वाले ईंट, रेत, गिट्टी की कीमत में भी इस बीच कोई फर्क नहीं पड़ा है।