scriptधान खरीदी के लिए टोकन जारी नहीं करने का आदेश देने वाले सहकारी बैंक के सीईओ निवसरकर पर गिरी गाज, प्रबंध संचालक ने हटाया | CEO of District Cooperative Bank removed | Patrika News

धान खरीदी के लिए टोकन जारी नहीं करने का आदेश देने वाले सहकारी बैंक के सीईओ निवसरकर पर गिरी गाज, प्रबंध संचालक ने हटाया

locationदुर्गPublished: Feb 04, 2020 04:28:37 pm

Submitted by:

Hemant Kapoor

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ एसके निवसकर को पद से हटा दिया गया है। इस संबंध में राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक केएल ढारगवे ने आदेश जारी किया है। निवसरकर पर सचिव के आदेश का हवाला देकर टोकन जारी नहीं करने संबंधी समितियों को निर्देश देकर धान खरीदी को प्रभावित करने व शासन द्वारा जारी राशि में से 81 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में जमा नहीं कराने के आरोप हैं।

CEO of District Cooperative Bank removed

राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक ने जारी किया आदेश

दुर्ग. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ एसके निवसकर को पद से हटा दिया गया है। इस संबंध में राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक केएल ढारगवे ने आदेश जारी किया है। निवसरकर पर सचिव के आदेश का हवाला देकर टोकन जारी नहीं करने संबंधी समितियों को निर्देश देकर धान खरीदी को प्रभावित करने व शासन द्वारा जारी राशि में से 81 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में जमा नहीं कराने के आरोप हैं। निवसरकर की जगह राज्य सहकारी बैंक के संवर्ग अधिकारी अपेक्षा व्यास को सीईओ बनाया गया है।

इन आरोपों के कारण हटाए गए सीईओ
0 धान खरीदी के दौरान सीईओ निवसरकर ने बालोद व बेमेतरा के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के प्रबंधकों को पत्र जारी किया था, जिसमें धान खरीदी करने के लिए टोकन जारी नहीं करने का निर्देश दिया गया था। सीईओ ने इसके लिए सचिव के आदेश का हवाला दिया था, जबकि शासन के किसी भी सचिव ने टोकन जारी नहीं करने का निर्देश जारी नहीं किया था। इससे धान खरीदी में व्यवधान और किसानों में भ्रम की स्थिति बनीं।
0 जिला सहकारी बैंक को विपणन संघ से धान खरीदी के एवज में किसानों को भुगतान के लिए 281.50 करोड़ जारी किया गया। यह राशि किसानों के खाते में डालना था, लेकिन किसानों के खाते में केवल 200.44 करोड़ रुपए ही डाले गए। शेष 81.06 करोड़ किसानों को भुगतान नहीं किया गया। इस तरह उच्च कार्यालय के आदेश का पालन नहीं किया गया।

हाईकोर्ट ने कर दिया था स्टे खारिज
मामले में शो-कॉज में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने धान खरीदी के टोकन को लेकर भ्रामक आदेश जारी करने और शासन द्वारा जारी राशि में से 81 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में जमा नहीं कराए जाने के मामले में सीईओ निवसरकर को पद से हटाने का आदेश जारी किया था। इसके बाद निवसरकर ने हाईकोर्ट में स्टे के लिए याचिका लगाई थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

संचालक मंडल ने नहीं दिया ध्यान
सीईओ के शो-कॉज पर जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने के बाद पंजीयक सहकारी संस्थाएं धनंजय देवांगन ने सहकारी बैंक के संचालक मंडल को सीईओ निवसरकर को हटाने के निर्देश दिए। इस संबंध में उन्होंने 8 जनवरी को निर्देश जारी किए थे। उन्होंने इसके लिए 15 दिन का समय दिया था, लेकिन संचालक मंडल ने ध्यान नहीं दिया और सीईओ स्थगन याचिका लेकर हाईकोर्ट चले गए। इसके बाद प्रबंध संचालक ने खुद पद से हटाए जाने का आदेश जारी किया है।

ईओडब्ल्यू के भी निशाने पर निवसरकर
इससे पहले 6 जनवरी को आर्थिक अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भी सीईओ एसके निवसरकर के घर में दबिश देकर जांच की थी। ईओडब्ल्यू की टीम ने सहकारी बैंक के दफ्तर में भी छानबीन की थी। बताया जाता है कि जांच में सीईओ के घर से करोड़ों की संपत्ति, मकान, जमीन के दस्तावेज, गाडिय़ा, नगदी और लॉकर में लाखों रुपए पाए गए। इसके अलावा बड़ी मात्रा में सोने-चांदी के जेवर मिलने के खबर है।
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