स्वास्थ्य मंत्री मंगलवार देर शाम अपोलो कॉलेज के वार्षिक समारोह में शामिल हुए थे। उनसे मीडिया ने प्रदेश और भिलाई-दुर्ग में स्वाइन फ्लू की रोकथाम को लेकर सवाल किया तब उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू को लेकर जागरूकता लाने के लिए हमने जिला स्तर पर पैम्पलेट और अन्य माध्यमों से प्रचार प्रसार करने और इलाज की उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
इसके लिए जिले के सब हेल्थ सेंटर में हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने मरम्मत कार्य और सुविधा के अलावा शेष लोगों को गंभीर बीमारी के लिए भटकना पड़ता है। हमारी सोच ऐसे ही मरीजों के लिए जिला अस्पताल में सुविधाएं उपलब्ध कराना है जिन्हें आर्थिक संकट के कारण इलाज कराने में परेशानी का सामाना करना पड़ता है।
सिंहदेव ने सिम्स के एसएनसीयू में बच्चों की मौत के सवाल पर कहा कि बिजली कनेक्शन में शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। जहां आग लगी वहां 31 दिसंबर को ही वहां पर काम कराया गया था। यह मानते हैं कि अस्पताल की व्यवस्था में कुछ खामियां हैं, लेकिन जांच में सामने आया कि वहां किसी भी बच्चे की मौत धुएं या दम घुटने से नहीं हुई। बच्चे कमजोर और बीमार थे, जो मौत की वजह बनी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मृत बच्चों में कार्बन डिपॉजिट नहीं मिला है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि स्वाइन फ्लू के तीन नए संदिग्ध मरीज मिले है। जिन्हें भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। मरीज को स्वाइन फ्लू है कि नहीं इसकी जांच के लिए सैंपल लैब को भेजा गया है। नए मरीजों में दो सेक्टर 9 अस्पताल में और एक मरीज बीएम शाह अस्पताल में भर्ती है।