दूसरे नबंर पर भाजपा और तीसरे नंबर पर कांग्रेस है। भाजपा ने 117 और कांग्रेस ने 99 वाहनों की अनुमति ली है। भाजपा के सबसे अधिक 21 वाहन दुर्ग विधान सभा क्षेत्र में दौड़ रही है। जबकि सबसे कम 9 वाहन दुर्ग ग्रामीण में है। आम आदमी पार्टी की 48 वाहन दौड़ रही है। प्रचार करने के लिए सबसे ज्यादा ई-रिक्शा, मालवाहक वाहन और टैक्सी टाइप वाहनों क ी अनुमति ली गई है। इसकी वजह यह है कि किराया अन्य वाहनों की तुलना में कम है।
चुनाव आचार संहिता का पालन करने को लेकर सख्ती और प्रचार अभियान पर खर्च की सीमा निर्धारित होने के कारण प्रत्याशी झंडे-बैनर के साथ प्रचार के लिए कम से कम वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यही वजह है कि इस बार गांव हो या शहर चुनावी शोर गुल ज्यादा सुनाई नहीं दे रही है।
जिले के भिलाई विधानसभा वाहनों से प्रचार करने में सबसे आगे हैं। यहां के १४ प्रत्याशियों ने कुल ८३ वाहनों से प्रचार करने आयोग से विधिवत अनुमति ली है। वही सबसे कम वाहन पाटन विधान सभा क्षेत्र में है। पाटन क्षेत्र में ४५ प्रचार वाहन दौड़ रही है। स्थानीय उपनिर्वाचन कार्यालय ने अब तक कुल 420 वाहनों से प्रचार करने की अनुमति दी है।
प्रत्याशी वाहनों से प्रचार करने के अलावा नुक्कड़ सभा भी कर रहे हैं। जिले में अब ४०० रैली, जुलूस व सभा के लिए आवेदन को मंजूरी मिल चुकी है। दुर्ग शहर में अलग-अलग पार्टी व प्रत्याशियों को १३३ रैली व नुक्कड़ सभाओं की अनुमति दी गई है।
चुनाव प्रचार में लगे वाहनों की जांच करने उडऩ दस्ता की टीम भी लगी है। बिना अनुमति के प्रचार करने वाले वाहनों के खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा रही है। चुनाव प्रचार कर रहे वाहनों पर कार्रवाई के साथ उन्हें जब्त भी कराया गया।