जिला भाजपा ने नगर निगम के 53 वार्डों के लिए अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इनमें मौजूदा व पुराने पार्षदों के साथ पार्टी संगठन के नेताओं के रिश्ते-नातेदारों को ज्यादा तवज्जो दिया गया है। नामों की घोषणा के साथ ही टिकट चयन की पारदर्शिता को लेकर सवाल भी खड़े होने शुरू हो गए हैं। टिकट से वंचितों की सर्वाधिक नाराजगी चयन समिति में शामिल नेताओं के रिश्ते-नातेदारों को टिकट दिए जाने को लेकर है। खास बात यह है कि जिला स्तरीय टिकट चयन समिति में सात सदस्य थे। इनमें से चार के सगे रिश्तेदारों को टिकट दी गई है। वहीं तीन के वार्डों में उनकी पसंद पर टिकट दिए जाने की बात सामने आ रही है।
पार्टी आलाकमान ने चयन समिति के संयोजक की जिम्मेदारी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य शिव चंद्राकर को दी थी। उनकी पत्नी ज्योति चंद्राकर को वार्ड 6 ठेठवार पारा से टिकट दी गई है। ज्योति जिला भाजपा महिला मोर्चा की पूर्वअध्यक्ष है,लेकिन पिछले पांच साल से वह पार्टी में सक्रिय नहीं है। उन्हें अनारक्षित वार्ड में पुरूष दावेदारों को दरकिनार कर टिकट दी गई है। इसी तरह महापौर चंद्रिका चंद्राकर भी चयन समिति में शामिल थी। उनके पति व किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष रत्नेश चंद्राकर को भी टिकट दी गई है।
जिला भाजपा अध्यक्ष होने के नाते उषा टावरी का भी टिकट चयन में अहम योगदान रहा। उनके देवर कमल टावरी को वार्ड 36 से प्रत्याशी बनाया गया है। टावरी का मूल निवास वार्ड क्रमांक 38 है। इसी तरह चयन समिति में जिला महामंत्री डोमार सिंह वर्मा भी थे। उनके बेटे देवानंद वर्मा को वार्ड 43 कसारीडीह पूर्व का प्रत्याशी बनाया गया है। जिला भाजपा महामंत्री देवेंद्र चंदेल की पसंद पर संदीप निर्मलकर, संतोष सोनी की पसंद पर अश्वनी साहू और विनोद आरोरा की अनुशंसा कर ममता जैन को उनके वार्ड से टिकट दी।
मौजूदा परिसद में महापौर के नजदीकी एमआईसी मेंबरों की पत्नियों को भी इस बार टिकट दिया गया है। लोककर्म प्रभारी दिनेश देवांगन, पर्यावरण प्रभारी विजय जलकारे आरक्षण की पेंंच में फंस गए और इनका वार्ड महिला के लिए आरक्षित हो गया था। इन वार्डों में दिनेश देवांगन की पत्नी लीना देवांगन और विजय जलकारे की पत्नी प्रियंका जलकारे को टिकट दी गई है।