पखवाड़ेभर पहले मंडल अध्यक्षों के चुनाव में मौजूदा पदाधिकारियों की कथित मनमानी और कार्यकर्ताओं की पसंद को दरकिनार कर चहेतों को निर्वाचित घोषित कर दिए जाने को लेकर जमकर बवाल मचा था। आक्रोश के बाद सांसद विजय बघेल ने दुर्ग व भिलाई दोनों जिले के नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर बात प्रदेश व राष्ट्रीय आलाकमान तक भी पहुंचाई थी। इसके बाद दोनों जिलों में मंडल अध्यक्ष के चुनाव को यथास्थिति रखते हुए जिला अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया पर रोक भी लगा दी गई है।
चुनाव से असंतुष्ट नेताओं के मुताबिक प्रदेश आलाकमान ने मामले की जांच और कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया है, लेकिन अब यह मामला आगे बढ़ता नहीं दिख रहा है। निकाय चुनाव इन्हीं परिस्थितियों में होगी। चुनाव प्रभारी जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना के सामने पूर्व मंडल अध्यक्ष काशीनाथ शर्मा और जिला भाजपा अध्यक्ष उषा टावरी के बीच जमकर विवाद हुआ था। जिले के बाद जहां विवाद थे उन मंडलों में भी बैठकें शुरू हो गई हंै, लेकिन अब विरोध नहीं दिख रहा है।
विवाद के बाद पार्टी आलाकमान ने चुनाव पर सवाल खड़ा कर रहे नेताओं को जांच दल भेजकर मामले का पड़ताल कराने का भरोसा दिलाया था। अब तक न तो जांच कमेटी पहुंची, न बूथ कमेटियों के पदाधिकारी समर्थन पत्र जमा करा रहे हैं।
पार्टी आलाकमान ने विवाद के बाद निर्वाचित मंडल अध्यक्षों को यथास्थिति रखते हुए कार्यकारिणी गठन पर रोक लगा दी है। अब नगरीय निकाय चुनाव के टिकट के चयन में पुरानी कमेटियों को एक्टिव रखकर विरोध करने वालों को झटका दे दिया है। संभागीय प्रवक्ता भाजपा सतीश समर्थ ने बताया कि पार्टी परिवार की तरह है। बड़े