शुक्रवार की रात लगभग 11 बजे खुले आसमान के नीचे ठंड से ठिठुरती बच्ची के रोने की आवाज से डेरा में सो रहे देवार जाति की महिलाएं बाहर निकलीं। बच्ची को बिलखते देख एक महिला ने आश्रय दिया और सुबह पुलिस को सूचना दी। चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची को कस्टडी में लेकर जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची का उम्र दस दिन है। बच्ची के शरीर पर झबला था। उसे टॉवेल में लपेटकर छोड़ दिया गया था।
खम्हरिया रोड धनोरा में जन्म के बाद ही मासूम को सड़क किनारे सुनसान इलाके में फेंक दिया गया। उसे पॉलिथीन में लपेटकर फेंका गया था। कं ट्रोल रूम की सूचना पर पद्मानभपुर पुलिस घटना स्थल से नवजात का शव बरामद किया। माना जा रहा है कि प्रसव के कुछ घंटे में ही उसे फेंका गया है।
पीएम रिपोर्ट में सामने आएगा कि खम्हरिया में मिले नवजात की मौत पहले से हो चुकी है या फिर पॉलिथीन में पैक कर फेंकने से हुई? पुलिस ने शनिवार को शव लावारिसों का अंतिम संस्कार करने वाली संस्था आस्था को सौंप दिया। तीन माह पहले जेवरा पुलिस को नाले से नवजात का शव मिला था। इसे प्रेम विवाह करने वाले जोड़े ने फेंका था। इस खुलासे के बाद पुलिस को शंका थी कि नवजात को फेंकते समय वह जिंदा था। पुलिस को अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल पाई है। इससे प्रकरण की जांच अटकी है।