नया बस स्टैंड और इंदिरा मार्केट पार्किंग स्थल का टेंडर होने के बाद भी अनुबंध नहीं कराने और अवैध वसूली का खुलासा हुआ है। कमिश्नर बर्मन ने शिकायत पर इस मामले की जांच कराई है। जांच में अधिकारियों ने बाजार अधिकारी थान सिंह यादव व तत्कालीन बाजार अधिकारी दुर्गेश गुप्ता की भूमिका को संदेहास्पद करार दिया है। इस पर कमिश्नर ने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। इसमें बाजार अधिकारी थान सिंह यादव का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया है। इस पर कमिश्नर बर्मन ने उन्हें बाजार विभाग से हटाकर जनगणना शाखा में भेज दिया है। दूसरी ओर तत्कालीन बाजार अधिकारी दुर्गेश गुप्ता ने अपने कार्यकाल में ठेकेदार से वसूली का हिसाब जमा करा दिया है।
मामले में गड़बड़ी के खुलासे के बाद विपक्षी दल भाजपा सत्ताधारी दल और बाजार विभाग के प्रभारी ऋषभ जैन पर हमलावर है। भाजपा के पार्षद मामले में उन्हें एफआईआर तक की चुनौती दे चुके हैं। दूसरी ओर मोदी आर्मी के कार्यकर्ताओं ने भी एक दिन पहले मोर्चा लेकर मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी, लेकिन निगम प्रशासन द्वारा इस पर फिलहाल कोई भी निर्णय नहीं किया जा सका है।
अधिकारियों की जांच में दोनों पार्किंग स्थल से पूरे साल लोगों से पार्किंग शुल्क वसूली की भी पुष्टि हुई है। अधिकारियों ने प्रमाण में रसीदें भी जमा कराई है, लेकिन वसूली कौन कर रहे थे, यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है। दूसरी ओर निगम प्रशासन द्वारा अवैध वसूली करने वालों को भी नजरअंदाज किया जा रहा है। राजनीति में उलझे दोनों दलों के नेता भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे।