विधायक ने कहा कि मनरेगा जैसी गरीब कल्याण योजना को विफलता का स्मारक बताने वालों के पास अपनी सफलता दिखाने को कुछ नहीं है। आपदा को अवसर बनाने वाली सरकार ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में भी सिर्फ राज्यों की सत्ता हासिल करने में अपना ध्यान केंद्रित किया है। जनता द्वारा चुनी हुई सरकार गिरने और बहुमत को हाईजैक करने की जगह अगर सरकार जनहितैषी कामों में अपना ध्यान केंद्रित करती तो बेहतर होता।
भूमि अधिग्रहण बिल, काले कृषि कानून जैसे जन विरोधी फैसलों के लिए एनडीए सरकार की जितनी भी आलोचना की जाए वो कम है। वर्तमान में देश मे मंडरा रहे मंदी के खतरे के बीच केंद्र सरकार को कांग्रेस के अनुभव का लाभ लेना चाहिए और सोनिया गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह जैसे जनप्रिय नेताओं की सलाह पर ध्यान देना चाहिए। वोरा ने कहा कि एक तरफ जहां छत्तीसगढ़ में जनता की सरकार चल रही वहीं केंद्र सरकार की किसी योजना में जनहित नजर नहीं आता। मजदूर, किसान, छोटे व्यापारी और मझोले उद्योग की कमर तोडऩे और अपने निवेशकों को फायदा पहुंचाने की नीति पर भाजपा सरकार चल रही है। लेमरू एलिफेंट रिजर्व की जमीन को ग्रामीणों एवं राज्य सरकार की सहमति के बिना ही कोल ब्लॉक के लिए आबंटित कर दिया गया है।