scriptपसंद के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नहीं मिली राशन दुकान, समर्थक भड़के तो जिला अध्यक्ष पहुंची कलेक्टर के पास | Congress workers angry at not getting ration shop met Durg collector | Patrika News

पसंद के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नहीं मिली राशन दुकान, समर्थक भड़के तो जिला अध्यक्ष पहुंची कलेक्टर के पास

locationदुर्गPublished: Oct 25, 2020 10:34:12 am

Submitted by:

Dakshi Sahu

राशन दुकान आवंटन के बहाने पार्टी कार्यकर्ताओं को उपकृत करने का मौका मिला तो हिस्सेदारी के लिए कांग्रेस नेता आपस में ही उलझ पड़े। यहां तक कि कुछ कार्यकर्ता दुकान किसकी मर्जी से बंटी यह पूछने तक सीधे कलेक्टर से मिलने पहुंच गए।

पसंद के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नहीं मिली राशन दुकान, समर्थक भड़के तो जिला अध्यक्ष पहुंची कलेक्टर के पास

पसंद के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नहीं मिली राशन दुकान, समर्थक भड़के तो जिला अध्यक्ष पहुंची कलेक्टर के पास

भिलाई. अपने पसंद के कार्यकर्ताओं को राशन दुकान दिलवाने कांग्रेस की स्थानीय सत्ता और संगठन में तनातनी की चर्चा इन दिनों राजनीतिक गलियारे में हैं। राशन दुकान आवंटन के बहाने पार्टी कार्यकर्ताओं को उपकृत करने का मौका मिला तो हिस्सेदारी के लिए कांग्रेस नेता आपस में ही उलझ पड़े। यहां तक कि कुछ कार्यकर्ता दुकान किसकी मर्जी से बंटी यह पूछने तक सीधे कलेक्टर से मिलने पहुंच गए। सत्ता के नेतृत्वकर्ताओं की दखल से संगठन प्रमुख की सिफारिश नहीं चल पाई, इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में भी असंतोष है।
राशन दुकान चलाने मंगाए गए थे आवेदन
जिला खाद्य विभाग ने शिकायतों के बाद भिलाई नगर और वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र की 16 दुकानों को निरस्त कर दिया था। दुकानों के संचालन के लिए नए सिरे से आवेदन मंगाए गए थे। बताया जाता है कि प्रत्येक दुकान के लिए 8-10 खाद्य पोषण सुरक्षा उपभोक्ता सहाकरी समितियों व स्व सहायता समूहों ने आवेदन किया था। अपने पसंद के पार्टी कार्यकताओं को दुकान दिलवाने कांग्रेसी भिड़े थे। हालांकि दुकान आवंटन विभिन्न अहर्ताओं पर खरा उतरने वाली समितियों को जिला प्रशासन द्वारा ही किया जाता है। दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में एकमात्र दुकान थी जिसे वहां के शीर्ष नेता के कहने पर आवंटित कर दिया गया। भिलाई और वैशाली नगर क्षेत्र की दुकानों के आवंटन को लेकर पहले तो अपनी-अपनी सूची को लेकर सत्ता और संगठन में तकरार की स्थिति रही। फिर तय हुआ कि विधायक की मर्जी से 10 और कांग्रेस की जिलाध्यक्ष की अनुशंसा से 6 दुकानें आवंटित की जाएगी। जब दुकानों के आवंटन की अंतिम सूची जारी हुई तो सत्ता पक्ष की सिफारिशें दरकिनार दी गई थी।
जिलाध्यक्ष के साथ कांग्रेसी पहुंचे कलेक्टर से मिलने
दुकान से वंचित कार्यकर्ता इस बात से इतनी खफा हुए कि पहले तो उन्होंने भिलाई शहर जिलाध्यक्ष तुलसी साहू पर ही अपनी नाराजगी जताई। इसके बाद कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे से मिलने उनके कार्यालय तक पहुंच गए थे। बताया गया कि पंंजीकृत खाद्य पोषण सुरक्षा उपभोक्ता सहकारी समितियों व स्व सहायता समूहों को पंजीयन में दर्शाए उनके कार्यक्षेत्र में ही दुकान आवंटित हो सकती है, मगर यहां समिति का का कार्यक्षेत्र किसी और जगह है और दुकान का आवंटन किसी और क्षेत्र में कर दिया गया है। अनुभव व अन्य अहर्ताओं का भी ध्यान नहीं रखा गया।
कांग्रेसियों ने कहा- भाजपाइयों को मिल गई दुकानें, हमें नहीं
कुछ कार्यकर्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि 15 साल बाद उनकी पार्टी की सरकार बनी है। यहां राशन दुकान के लिए विधिवत और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए आवेदन किया तो भी दुकान नसीब नहीं हुई। वहीं कई दुकान भाजपा नेताओं की मर्जी से उनके समर्थकों को हमारे ही नेताओं ने दिलवा दिए।
गई थे कलेक्टर से मिलने
तुलसी साहू अध्यक्ष भिलाई शहर जिला कांग्रेस ने बताया कि राशन दुकान आवंटन जिला प्रशासन का अधिकार क्षेत्र है, हमारा नहीं। कुछ कार्यकर्ता मुझसे मिलने आए थे। उनका कहना था कि राशन दुकान के संचालन के लिए पूरी अहर्ता रखते र्हैं, बावजूद उन्हें आवंटन नहीं हुआ। इसी बात की जानकारी लेने मैं स्वयं उनके साथ कलेक्टर से मिलने गई थी।
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