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जागो ग्राहक जागो: किताब के साथ नहीं दी सीडी, प्रकाशक पर 20 हजार हर्जाना

locationदुर्गPublished: Feb 19, 2019 02:57:21 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

सोशल बुक के साथ मल्टीमीडिया सीडी नहीं देने का आशय है कि बच्चों के शैक्षिक अभ्यास की कुशलता को प्रभावित करना। यह अनुचित कृत्य है।

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जागो ग्राहक जागो: किताब के साथ नहीं दी सीडी, प्रकाशक पर 20 हजार हर्जाना

दुर्ग. सोशल बुक के साथ मल्टीमीडिया सीडी नहीं देने का आशय है कि बच्चों के शैक्षिक अभ्यास की कुशलता को प्रभावित करना। यह अनुचित कृत्य है। इसके लिए मेसर्स अनिल इंटरप्राइजेस (अनिल बुक डिपो) सेक्टर-6 और मेसर्स पीतांबर पब्लिशिंग दिल्ली को 20 हजार रुपए हर्जाना देना होगा। यह फैसला जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने सुनाया।
शिक्षण सामग्री की खरीदी
फैसले में सीडी नहीं देने पर किताब के मूल्य की आधी कीमत 115-115 रुपए, प्रकाशक और विक्रेता को अलग अलग 7500-7500 रुपए मानसिक कष्ट और 5000 रुपए वाद व्यय शामिल है। परिवाद लोटस आर्केड जुनवानी निवासी आकाश पैटरिया ने प्रस्तुत किया था। प्रकरण के मुताबिक आकाश पटैरिया ने कक्षा ५ में पढऩे वाले अपने पुत्र के लिए अनिल बुक डिपो से वर्ष 2017 में शिक्षण सामाग्री की खरीदी की थी।
उपलब्ध नहीं कराई
सामाग्री खरीदते समय जानकारी दी गई कि सोशल की बुक वर्तमान में नहीं है। मई २०१७ में बुक को दिया गया। परिवादी ने दो बुक खरीदी। बुक पर मल्टीमीडिया सीडी होने का उल्लेख किया गया था। सीडी नहीं होने पर विक्रेता ने जानकारी दी कि सीडी प्रकाशक ने ही उपलब्ध नहीं कराई है। परिवादी ने सीडी नहीं होने पर प्रकाशक के इ-मेल पर शिकायत की।
तब 5 मई 2017 को मोबाइल नंबर ०९०१३०९४२६५ से फोन आया कि वह संपादक मंडल का सदस्य है। दरअसल स्कूल के शिक्षकों ने 2016 में सीडी में संशोधन करने का सुझाव दिया है, इसलिए सीडी उपलब्ध नहीं कराया गया। वहीं दूसरी ओर 8 मई को इ-मेल से प्रकाशक की ओर से जवाब आया कि सीडी गुम हो चुकी है। इसआशय की सूचना विक्रता को दे दी गई है।
बचाव में कहा
सुनवाई के दौरान अनावेदक द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया कि किताब नेशनल काउंसिलिंग ऑफ एजुकेशन रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग ( एनसीईआरटी) व काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट इक्जामिनेशन्स (सीआइएनसीइ) से मान्यता प्राप्त नहीं है। इसलिए किताब को शैक्षणिक सत्र में उपलब्ध कराए इसके लिए बाध्य नहीं है।
आवेदक ने जिस मोबाइल नंबर का उल्लेख किया है वह कंपनी द्वारा उपयोग में नहीं लाया गया है। वैसे भी सीडी के अभाव में किताब की मूल्य से 50 रुपए कम लिया गया है। इसकी जानकारी पूर्व में दी जा चुकी है। परिवादी ने परिवाद को दुर्भावनावश प्रस्तुत किया है।
फोरम का निष्कर्ष
किताब के मुख्य पृष्ठ पर ही प्रकाशित किया गया है कि किताब के साथ मल्टीमिडिया सीडी है। अगर किताब के साथ जानकारी प्रकाशित है तो वह देना अनिवार्य है।वर्तमान कम्प्यूटर युग का है। थ्योरी के साथ मल्टीमिडिया के रुप में दी गई जानकारी (सीडी) किताब का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर कोई भी एक चीज कम है तो शैक्षिक अभ्यास की कुशलता को प्रभावित करता है। यह अनुचित व्यापार प्रथा और व्यावसायिक दुराचरण है।

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