ये क्या...शहर सरकार ने ही कर दिया अफसरों के प्रस्ताव को खारिज
नगरीय निकाय चुनाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराए गए वार्डों के परिसीमन के प्रस्ताव को शहर सरकार ने ही खारिज कर दिया।

दुर्ग. नगरीय निकाय चुनाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराए गए वार्डों के परिसीमन के प्रस्ताव को शहर सरकार ने ही खारिज कर दिया। महापौर चंद्रिका चंद्राकर के नेतृत्व में सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओं का आरोप है कि परिसीमन आबादी की एकरूपता के आधार पर किया जाना था, लेकिन अफसरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इस कारण कहीं 3 हजार से भी कम आबादी हो गई है तो कहीं 5 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल कर लिया गया है। महापौर ने एडीएम खेमलाल वर्मा को ज्ञापन सौंपकर प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराई।
नगर सरकार की यह आपत्ति
0 कम जनसंख्या - ठेठवार पारा, अस्पताल वार्ड, तमेरपारा, आपापुरा वार्ड में आबादी 3 हजार से भी कम।
0 ज्यादा आबादी - पोटिया कला दक्षिण में 7 हजार से ज्यादा व करीब एक दर्जन वार्ड में आबादी 5 हजार से ज्यादा।
0 भौगोलिक स्थिति - गाइड लाइन के अनुरूप वार्डों की भौगोलिक स्थिति में एकरूपता नहीं। इससे वार्डों की पहचान मुश्किल।
0 राजीव नगर वार्ड का हिस्सा काटकर मठपारा में जोड़ा गया है। इससे वार्ड की भौगोलिक स्थिति अंग्रेजी के वाय अक्षर की तरह हो गया है।
0 औद्योगिक नगर दक्षिण वार्ड से पूरा शक्ति नगर इलाका अलग किया गया है। इसके बाद भी आबादी 5 हजार से ज्यादा।
0 अन्य नगरीय निकायों में शत-प्रतिशत वार्डों में बदलाव कर परिसीमन, यहां गिनती के वार्डों में बदलाव।
0 स्टेशन पारा वार्ड में रेलवे स्टेशन के कारण दो भागों में बंटा है। यहां एक छोर से दूसरा छोर 2 किमी लंबा है। इस काटा नहीं गया।
परिसीमन पर इनकी भी आपत्ति
0 वार्ड 17 औद्योगिक नगर दक्षिण के पार्षद दिलीप साहू के नेतृत्व में आधा सैकड़ा महिलाओं ने शक्ति नगर के हिस्से को काटने पर आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि वार्ड के कई पुराने व अहम हिस्से दूसरे वार्ड में चले जाएंगे। इससे लोगों को खासी परेशानी होगी।
0 भारती जन जागरूक संघ ने मठपारा उत्तर वार्ड के नाम पर आपत्ति दर्ज कराई है। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2004 के परिसीमन के बाद गया नगर का नाम अकारण बदलकर मठपारा उत्तर कर दिया गया था। जबकि यह पूरा हिस्सा गया नगर है। वार्ड का नाम फिर से गया नगर करने की मांग की गई।
मसौदे में व्यापक खामियां
महापौर चंद्रिका चंद्राकर का कहना है कि परिसीमन के समौदे में व्यापक खामियां है। अधिकारियों ने गंभीरतापूर्वक काम नहीं किया है। आबादी पर भी ध्यान नहीं दिया गया है। नए सिरे से परिसीमन किया जाना चाहिए।
अब फैसला शासन स्तर पर
एसडीएम खेमलाल वर्मा ने बताया कि परिसीमन पर आपत्तियों का समय खत्म हो गया है। अब प्राधिकृत अधिकारी के अभिमत के साथ इसे राज्य शासन को भेजा जाएगा। संशोधन अथवा नए सिरे से परिसीमन का फैसला शासन स्तर पर ही होगा।
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