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राहत की खबर, दुर्ग जिले में 16 % घटा कोरोना संक्रमण, एंटीजन रिजल्ट्स के आधार जिला प्रशासन ने तैयार की रिपोर्ट

Coronavirus in Durg: एक हफ्ते में दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण 16 फीसदी तक घटा है। एंटीजन टेस्ट के आंकड़ों के विश्लेषण से यह साफ हुआ है कि संक्रमण दर में कमी आई है।

दुर्गApr 17, 2021 / 06:09 pm

Dakshi Sahu

दुर्ग. एक हफ्ते में दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण 16 फीसदी तक घटा है। एंटीजन टेस्ट के आंकड़ों के विश्लेषण से यह साफ हुआ है कि संक्रमण दर में कमी आई है। यह दावा हम नहीं जिला प्रशासन कर रहा है। एंटीजन के रिजल्ट्स के आधार पर तैयार किए रिपोर्ट के मुताबिक दुर्ग जिले में 10 अप्रैल को 2596 को टेस्ट किया गया था जिसमे 1259 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 15 अप्रैल को 2723 की जांच में 879 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। यह कुल आंकड़ों का 32 प्रतिशत है। इसी तरह चार दिनों के आंकड़े देखें तो संक्रमण का दर क्रमश: 36, 33, 30 व 32 प्रतिशत रहा है। इस तरह एंटीजन टेस्ट में हुई गिरावट साबित करती है कि लॉकडाउन जिले में प्रभावी होता दिख रहा है।
तो तेजी से बढ़ता संक्रमण
दुर्ग जिले में 6 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया। इस दिन 2659 टेस्ट हुए और 529 पॉजिटिव हुए। यह कुल मरीजों का 20 प्रतिशत था। अगले दिन यह आंकड़ा 34 प्रतिशत रहा। इसके बाद दो दिनों तक 40 और 41 प्रतिशत रहा। फिर अगले दो दिन 48 प्रतिशत तक रहा। इससे यह पता चलता है कि संक्रमण किस तेजी से बढ़ रहा था। जिला प्रशासन का कहना है कि लॉकडाउन ने इसकी गति पर रोक लगाई। यदि लॉकडाउन नहीं लगाया जाता तो संक्रमण का प्रतिशत कई गुना बढ़ जाता।
इसलिए देर से दिखे परिणाम
लॉकडाउन के दो-तीन दिनों में ही बेहतर नतीजे एंटीजन टेस्ट में क्यों नहीं दिखे यह भी सवाल हो सकता है। इसका कारण यह है कि कोरोना वायरस संक्रामक बीमारी है और इसके लक्षण दो-तीन दिनों तक उभरते हैं। एकदम से लॉकडाउन के बाद संक्रमण नहीं रूकता, इसमें थोड़ा समय लगता है। इसके साथ ही कारण यह भी है कि इस वेव में पूरे परिवार पर संक्रमण का असर देखा गया है।
लॉकडाउन ही सबसे प्रभावी तरीका
दुर्ग जिला प्रशासन की रिपोर्ट में बताया गया है कि संक्रामक बीमारियों का इतिहास गवाह रहा है। यूरोप में जब अचानक ऐसे किसी वायरस से मौतें होती थीं तो इसे ब्लैक डेथ कहते थे और लोग क्वारंटाइन का निर्णय लेते थे। भारत में भी बीमार पडऩे पर चौदह दिनों की अवधि के बाद शुद्धिकरण करते हैं। भगवान जगन्नाथ जब बीमार होते हैं तो चौदह दिन की अवधि गुंडिचा मंदिर में बीताते हैं। लॉकडाउन से वायरस के प्रसार की क्षमता कम हो जाती है क्योंकि जब उसे संक्रमण के लिए नए शरीर नहीं मिलते तो इसके फैलने की दर घटने लगती है। यही वजह है कि दुनिया के सभी देशों में लॉकडाउन का उपयोग बड़े समुदाय तक संक्रमण को रोकने के लिए हुआ है।

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